ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर बीएमसी आयुक्त ने अधिकारियों से कहा था- न हटाए जाएं सीएम शिंदे को शुभकामना वाले अवैध होर्डिंग-बैनर; हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता का दावा 19th August 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महानगरपालिका आयुक्त इकबाल चहल ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शुभकामनाएं देने वाले अवैध बैनर व पोस्टर न हटाए जाए। इस निर्देश का पालन न होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट में अधिवक्ता मनोज शिरसाट ने अवैध होर्डिंग के मुद्दे को लेकर न्यायालय की अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह खुलासा किया। एक अंग्रेजी अखबार में छपी एक खबर का हवाला देते हुए अधिवक्ता शिरसाट ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने कहा कि मनपा आयुक्त ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आदेश दिया था कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री को शुभकमानाएं देने वाले बैनर व पोस्टर न हटाए जाए। खबर के मुताबिक, मनपा आयुक्त ने यह संदेश जिन अधिकारियों को जारी किया गए था उनमें मनपा के उपायुक्त व सहायक आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों का समावेश था। इस तथ्य के मद्देनजर खंडपीठ ने अधिवक्ता शिरसाट को कहा कि वे अपनी बात को हलफनामे के जरिए रिकार्ड में लाए ताकि हम इस बारे में संबंधित प्राधिकरण से जवाब मांग सके। इससे पहले खंडपीठ को बताया गया कि दही हंडी के उत्सव के चलते पुणे व मुंबई सहित राज्य के अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर राजनीतिक होर्डिंग लगाई गई है। इन दलीलों के बीच अधिवक्ता शिरसाट ने मनपा आयुक्त की ओर से दिए गए निर्देशों के बारे में छपी खबर की जानकारी खंडपीठ को दी। इससे पहले सरकारी वकील भूपेश सामंत ने खंडपीठ के सामने बीते 5 अगस्त से 12 अगस्त के बीच अवैध होर्डिंग के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य के महाधिवक्ता ने इस रिपोर्ट को नहीं देखा है। इसलिए थोड़ा समय दिया जाए। अधिवक्ता सामंत ने कहा कि जैसे दुपहिया वाहन चालक को बिना हेल्मेट के पाए जाने पर तुरंत जुर्माना लगाया जाता है वैसा ही प्रावधान अवैध होर्डिंग के खिलाफ किए जाने के लिए कानून में बदलाव को लेकर सुझाव सामने आए हैं। ताकि कार्रवाई से जुड़ी लंबी कानूनी प्रक्रिया से निजात पाई जा सके। उन्होंने कहा कि अवैध होर्डिंग के मुद्दे को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ भी बैठक भी की गई है। आने वाले समय में महानगपालिकाओं व नगरपरिषद की ओर से होर्डिंग लगाने के लिए एक अलग स्थान तय किए जाने से जुड़े सुझाव पर भी चर्चा की गई है। इससे अवैध होर्डिंग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिसमें स्थानिय निकायों को रोजाना होर्डिंग को लेकर दी जानेवाली अनुमति की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करानी पड़ेगी। इसके अलावा स्थानिय निकायों को अवैध होर्डिंग पर निगरानी रखने के लिए निजी एजेंसी की मदद लेने के सुझाव पर भी चर्चा की गई है। अधिवक्ता सामंत की इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई 12 सितंबर 2022 तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट ने साल 2017 में कई निर्देश दिए थे। जिनका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके लिए खंडपीठ के सामने अब न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही है। Post Views: 209