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बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल से बढ़ी आम लोगों की मुश्किलें

मुंबई में अपनी तमाम मांगों को लेकर बेस्ट के कर्मचारी मंगलवार सुबह से हड़ताल पर हैं। जिससे मुंबई की रफ्तार पर आज अच्छा-खासा असर देखने को मिला।
मिली जानकारी के मुताबिक , कुल 30500 कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। बेस्ट कर्मचारियों की इस हड़ताल को औद्योगिक न्यायालय ने अवैध बताया है। बीएमसी प्रशासन ने साफ किया है कि हड़ताल करने वालों पर मेस्मा (महाराष्ट्र एसेंशियल सर्विसेज) के तहत कार्रवाई होगी।
दो हजार करोड़ के कर्ज में डूबी बेस्ट को बीएमसी ने अब बेस्ट को पैसे देने से इंकार कर दिया है। जिसकी वजह से बेस्ट कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ गया है। सोमवार को हुई बेस्ट और बीएमसी की बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
बेस्ट वर्कर्स यूनियन के महासचिव शशांक राव ने कहा कि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसीलिए यह हड़ताल हमने जारी रखने का फैसला किया है। हड़ताली कर्मचारी 2016 में खत्म हुए कांट्रेक्ट को बढ़ाने, प्राइवेट बसों को किराए पर लेने पर रोक और ग्रेच्युटी सहित वेतन संबंधित दूसरी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
हड़ताल की वजह से आम लोगों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग ऑटो , टैक्सी और प्राइवेट बसों का सहारा ले रहे हैं। ऑटो , टैक्सी वाले मनमानी कर जनता को परेशान न करें इसके लिए मुंबई पुलिस खुद गाड़ियां रूकवाकर लोगों को बिठा रही है।