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महाराष्ट्र: अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल CM ठाकरे से मिले, किसानों के लिए मांगा समर्थन

मुंबई: शिरोमणि अकाली दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य नेताओं से मुलाकात की, और मौजूदा किसान आंदोलन के लिए समर्थन मांगा। पूर्व सांसद और एसएडी के महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा के नेतृत्व में, अकाली प्रतिनिधिमंडल ने नए कृषि कानूनों, दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा, सीएम उद्धव ठाकरे का भी मानना था कि राज्यों के अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है।
उन्होंने सीएम ठाकरे से आग्रह किया कि भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एक पखवाड़े के भीतर नई दिल्ली में देश भर के प्रमुख विपक्षी और क्षेत्रीय दलों की बैठक में शामिल हों। ठाकरे ने आश्वासन दिया कि वह बैठक में शामिल होंगे और किसानों के कृषि कानूनों के विरोध में सभी कार्यक्रमों में पूरा समर्थन देंगे।
प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा, मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह किसानों के आंदोलन का समर्थन करेंगे और दिल्ली में भी कुछ हफ्ते बाद आयोजित होने वाले बैठक में भाग लेंगे।
केंद्र सरकार की निंदा करते हुए शिवसेना के सत्तारूढ़ सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि जब कृषि विधेयक सितंबर में संसद में पारित हो रहा था, तो विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि इसमें जल्दबाजी न करें।

पवार ने रविवार को केंद्र से कहा कि वह किसानों के प्रदर्शन को गंभीरता से ले क्योंकि यदि गतिरोध जारी रहता है तो आंदोलन केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर से लोग कृषकों के साथ खड़े हो जाएंगे।
पवार ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि जब किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि सरकार को अक्ल आएगी और वह मुद्दे के समाधान के लिए इसका संज्ञान लेगी। यदि यह गतिरोध जारी रहता है तो प्रदर्शन दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर से लोग प्रदर्शनकारी किसानों के साथ खड़े हो जाएंगे।

राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार 9 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। पार्टी ने रविवार को यह जानकारी दी। राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति को देश के हालात से अवगत कराएंगे। राकांपा सूत्रों ने कहा कि पवार माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी. राजा तथा द्रमुक सांसद टीआर बालू के साथ दिल्ली जाएंगे। वे बुधवार को 5 बजे कोविंद से मुलाकात करेंगे।
पवार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों का देश की कृषि एवं खाद्य श्रृंखला में सर्वाधिक योगदान है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों के किसान न सिर्फ हमारा पेट भरते हैं, बल्कि वे भारत की खाद्य अनाज आपूर्ति, खासकर एक दर्जन से अधिक देशों को चावल और गेहूं की आपूर्ति में बड़े आपूर्तिकर्ता भी हैं।
पवार ने कहा कि जब तीनों कृषि विधेयक संसद में लाए गए तब भाजपा को छोड़कर सभी दलों ने कहा था कि विधेयकों को जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए। पार्टियों ने विधेयकों पर चर्चा कराने और इन्हें प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी और अब उसे परिणाम भुगतने होंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि हम केंद्र सरकार के खिलाफ न्याय के लिए इस करो या मरो की लड़ाई में पूरी तरह से किसानों के साथ हैं।
शिवसेना के किसान चेहरे किशोर तिवारी ने कथित रूप से चल रहे किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश के लिए केंद्र पर निशाना साधा और चेतावनी देते हुए कहा कि इन अप्रिय कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। बता दें कि कांग्रेस सहित कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विपक्षी दल नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए विभिन्न किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ को समर्थन देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। किसानों और केंद्र के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद मुद्दे का हल नहीं हो पाया है।