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महाराष्ट्र: अब 7 साल में बेच सकेंगे SRA के घर, सरकार ने ट्रांसफर फीस भी घटाया

मुंबई: स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) के तहत डेवलपमेंट किए गए घरों को अब सात साल के बाद बेच सकते हैं। इससे पहले 10 साल के बाद ही बेचने की अनुमति थी। विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधेयक रखते हुए कहा कि एसआरए के तहत जिन लोगों को घर मिला है, उन्हें ट्रांसफर करने में दिक्कतें आ रही थीं। इन दिक्कतों को दूर करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही अलग-अलग कारणों से रुकी कई एसआरए की योजनाओं को गति देने का निर्णय भी लिया गया है।
फडणवीस ने कहा कि सरकार ‘one window system’ भी लागू कर सकती है। विधेयक पर चर्चा के दौरान विधान परिषद में उद्धव ठाकरे गुट के एमएलसी सचिन अहिर, कांग्रेस के भाई जगताप सहित कई सारे सदस्यों की शंकाओं का समाधान करते हुए फडणवीस ने कहा कि एसआरए के तहत डेवलप की जा रही तमाम परियोजनाएं रुकी पड़ी हैं, जिसे गति देने के लिए इस विधेयक में कई सारे उपाय किए गए हैं। साथ ही उन लोगों को भी राहत देने का प्रस्ताव है, जिन्हें एसआरए के घरों को बेचने में परेशानी आती है।

200 रुपये शुल्क में होंगे ब्लड रिलेशन को ट्रांसफर
फडणवीस ने कहा कि वर्तमान में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को एसआरए योजना के तहत मुफ्त में घर मिलते हैं, लेकिन वे इन्हें 10 साल तक बेच नहीं सकते हैं। लोगों की मांग थी कि इसे कम कर पांच वर्ष किया जाए, लेकिन इसे लेकर बहुत सारे लोगों का विरोध भी था, इसलिए सरकार ने सात साल के बाद बेचने या ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ेगी, तो इसे पांच साल भी कर सकते है।
फडणवीस ने कहा कि अगर झोपड़ीधारक अपने बेटे या पोते के नाम पर ट्रांसफर करना चाहता है, तो 200 रुपये ट्रांसफर फीस रखी गई है। अगर किसी दूसरे को बेच रहा है, तो इस शुल्क को 50,000 रुपये कर दिया गया है।
बता दें कि पहले एसआरए के तहत बने घरों को 10 साल के बाद बेचने के लिए स्टैंप ड्यूटी के बराबर राशि देनी पड़ती थी या एक लाख रुपये अदा करने पड़ते थे।