महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य महाराष्ट्र व मुंबई की प्रगति में सिख समुदाय का योगदान सराहनीय: राज्यपाल 14th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, शनिवार को गुरुतेग बहादुर नगर में गुरु नानक विद्यक सोसायटी द्वारा आयोजित गुरु नानक देव के 550वें जयंती के उपलक्ष्य में अंतर- धार्मिक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने सिख धर्म को दुनिया के लिए गुरु नानक का सबसे बड़ा उपहार बताया और महाराष्ट्र व मुंबई की प्रगति में सिख समुदाय के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि सिख धर्म दुनिया के लिए गुरु नानक का सबसे बड़ा उपहार है। आदि ग्रंथ मानवता के लिए सिख धर्म का सबसे बड़ा उपहार है।राज्यपाल ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी एक अग्रणी समाज सुधारक थे। महिलाओं की समानता, अंध विश्वास के विरोध और विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और पंजाब के बीच हजारों किलोमीटर की दूरी है। इसके बावजूद दोनों राज्य आध्यात्मिक रूप से भाई हैं। यह पंजाब के साथ संत नामदेव और महाराष्ट्र के साथ गुरु गोबिंद सिंह के सहयोग के कारण है। इस अवसर पर विधायक सरदार तारा सिंह, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के कुलपति (पद्मश्री) अख्तरुल वासे, पंजाबी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जसपाल सिंह, गुरु नानक विद्यक सोसायटी के अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह भट्टी, सरदार रजनीत सिंह, सरदार सर्दुल सिंह, नगरसेविका कृष्णवेणी रेड्डी, जसबीर सिंह बीरा सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।इस अवसर पर राज्यपाल ने सोसायटी के कॉलेज परिसर में वृक्ष भी लगाए और सभी को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के हाथों पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ.पी.एस पसरीचा को पहला ‘राय बुलर भट्टी स्मृति पुरस्कार’ प्रदान किया गया। Post Views: 206