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महाराष्ट्र: संकट में सीएम की कुर्सी? साले के हवाला कारोबारी से कनेक्शन पर घिरे उद्धव, पहले भी रिश्तेदारों के कारण छिन चुकी है दो सीएम की कुर्सी!

मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के साले पर ईडी ने शिकंजा कसा है। ईडी ने यह कार्रवाई एक हवाला कारोबारी मथुरा निवासी सीए नंदकिशोर चतुर्वेदी से कनेक्शन की वजह से की है। चतुर्वेदी ने शेल कंपनी (छद्म कंपनी) ‘हमसफर डीलर प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए श्रीधर पाटणकर की कंपनी ‘श्री साईबाबा गृहनिर्मिति प्राइवेट लिमिटेड’ को कर्ज के नाम पर 30 करोड़ रूपये दिए थे।
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे ने 2014 में ‘कोमो स्टॉक एंड प्रापर्टीज’ नामक एक कंपनी बनाई थी। अब उस कंपनी का मालिक नंदकिशोर है। वहीँ सीएम ठाकरे के साले के खाते में पैसे ट्रांसफर कर रहा है।

महाराष्ट्र में छिन चुकी है दो सीएम की कुर्सी!
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के कारण दो मुख्यमंत्रियों की कुर्सी छिन चुकी है। शिवसेना-भाजपा गठबंधन के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को अपने दामाद के कारण कुर्सी छोड़नी पड़ी थी तो आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में सास के नाम पर फ्लैट होने के कारण अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद अब वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साले के कारण संकट में हैं।
1998 में मनोहर जोशी मुख्यमंत्री थे लेकिन दामाद गिरीश व्यास के कारण उन्हें सीएम पद से हटना पड़ा था। उसके बाद मौजूदा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री बने थे। कहते हैं कि उस समय पुणे में स्कूल की एक जमीन का आरक्षण बदलकर जोशी के दामाद गिरीश के एक करीबी को दिया गया था। कुछ दिनों में ही भूखंड पर 10 मंजिली इमारत खड़ी हो गई थी। इसके कारण मनोहर जोशी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार भी सुननी पड़ी थी।

दूसरा मामला सीएम अशोक चव्हाण का था, जिन्हें दक्षिण मुंबई के कुलाबा में सेना के लिए आरक्षित जमीन पर बनी ‘आदर्श हाउसिंग सोसायटी’ में सास का फ्लैट होने से मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। अब ईडी ने मनीलांड्रिंग मामले में सीएम ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर से जुड़े 11 फ्लैट सीज कर दिए है, जिसकी कीमत 6.45 करोड़ है। बताया जा रहा है कि इससे उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

महाराष्ट्र में मचा सियासी हड़कंप! खतरे में सीएम की कुर्सी
राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने सभी शिवसेना नेताओं और मंत्रियों को बीती रात डिनर पर बुलाया था। डिनर डिप्लोमेसी का यह कार्यक्रम सीएम के सरकारी आवास ‘वर्षा बंगले’ पर आयोजित किया गया था।
दरअसल, राज्य की सियासत में इन दिनों भूचाल सा आया है, जिधर देखो उधर सियासी हड़कंप मचा हुआ है। आए दिन महाविकास अघाड़ी से जुड़े किसी न किसी नेता या मंत्री के घर पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की रेड पड़ रही है।
वहीँ महाराष्ट्र सरकार भी धीरे-धीरे बीजेपी नेताओं को घेरने में जुटी है। ठाकरे सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर पूर्व सांसद किरीट सोमैया, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, बीजेपी विधायक नितेश राणे और मोहित कंबोज पर शिकंजा कसना शुरू किया है।

सीएम उद्धव तक पहुंच रही है ईडी की कार्रवाई की आंच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हाल में सीएम ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अब इसकी आंच ‘मातोश्री’ यानी सीएम तक पहुंच रही है। ऐसे में शिवसेना विधायकों में भी हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि विधायकों की कश्मकश को खत्म करने के लिए ही इस रात्रिभोज का आयोजन किया गया था। तमाम विधायकों और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के साथ डिनर किया। इसी दौरान उद्धव ठाकरे द्वारा सभी को उचित संदेश दिया गया और सभी लोगों को पार्टी से जोड़े रखने के लिए उनकी नाराजगी को भी दूर करने का प्रयास किया गया।
सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना के ही एक दर्जन से ज्यादा विधायक नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी फंड एलॉटमेंट, उनके क्षेत्र के कामकाज और मंत्रियों की उदासीनता को लेकर है। कांग्रेस के भी कई विधायक महाविकास अघाड़ी सरकार से नाराज चल रहे हैं। इन दो वर्षों में कई मर्तबा वे इसे जाहिर भी कर चुके हैं। ऐसे में ये नाराज विधायक पार्टी या एमवीए से अलग न हो जाएं। इसका भी डर, ठाकरे सरकार और अन्य घटक दलों को सता है। हालांकि, इस डिनर डिप्लोमेसी को लेकर शिवसेना का कोई नेता या विधायक खुलकर बातचीत करने से बच रहा है।

जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर चर्चा नहीं
शिवसेना नेता नीलम गोरहे के अनुसार, पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर अपनी समस्याएं बताई हैं। इसके अलावा उनकी मंत्रियों से बातचीत भी हुई। बैठक में जनहित से जुड़े मुद्दे और विधायकों के चुनाव क्षेत्र की दिक्कतों को लेकर चर्चा हुई है।शिवसेना नेताओं की माने तो इस बैठक में केंद्रीय जांच एजेंसियों की बढ़ती कार्रवाई के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं हुई!

कृपाशंकर और राणे पर कब होगी कार्रवाई: पटोले
केंद्रीय एजेंसियों की नज़र अब तक कांग्रेस नेताओं पर नहीं पड़ी है, लेकिन कांग्रेस नेता शिवसेना और एनसीपी नेताओं पर हो रही कार्रवाई का डटकर विरोध कर रहे हैं। बुधवार को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक नाना पटोले ने कहा कि बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने ही केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह पर कई बेहद गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन जब से ये लोग बीजेपी में गए हैं, तब से इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आखिर उन पर लगाए गए आरोपों की जांच कब शुरू होगी? दरअसल, ठाकरे सरकार के मंत्री चाहते हैं कि जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियां उनके लोगों पर कार्रवाई कर रही हैं, वैसी ही कार्रवाई महाराष्ट्र में बीजेपी नेताओं पर भी की जाए।

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