ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में ‘म्यूकर माइकोसिस’ इलाज के लिए तय कीं दरें 4th June 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को राज्य के निजी अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के रोगियों के उपचार को लेकर शुल्क की सीमा तय कर दी है। राज्य में ऐसे मामलों की आधिकारिक संख्या पांच हजार से अधिक हो गई है। निजी अस्पतालों में म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए दरों को नियंत्रित करने का प्रस्ताव पेश किया था. आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में मंज़ूरी दे दी. इलाज की दरों को शहरों के क्लास के अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा गया है A,B और C. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कुछ दिन पहले राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिबा फुले जनारोग्य योजना के तहत म्यूकर माइकोसिस के रोगियों को मुफ्त इलाज देने के निर्णय की घोषणा की थी. महात्मा फुले जनारोग्य और प्रधानमंत्री जनारोग्य योजना में भाग लेने वाले अस्पतालों से म्यूकर माइकोसिस के रोगियों का मुफ्त में उपचार किया जा रहा है. क्या होंगी नई दरें? बिना वेंटिलेटर और आइसोलेशन के आईसीयू: क्लास ए शहरों के लिए 7500 रुपये, क्लास बी शहरों के लिए 5500 रुपये और क्लास सी शहरों के लिए 4500 रुपये. वेंटिलेटर और आइसोलेशन के साथ आईसीयू: क्लास ए शहरों के लिए 9000 रुपये, क्लास बी शहरों के लिए 6700 रुपये और क्लास सी शहरों के लिए 5400 रुपये. कौन से क्लास में कौन सा शहर? क्लास ए शहर मुंबई और महानगरीय क्षेत्र (मीरा भायंदर नगर निगम, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण डोंबिवली, उल्हासनगर नगर निगम क्षेत्र, अंबरनाथ, कुलगांव बदलापुर, पनवेल नगर निगम), पुणे और पुणे महानगरीय क्षेत्र, नागपुर (नागपुर नगर निगम, दिगदोह, वाडी) सहित. क्लास बी शहर नासिक, अमरावती, औरंगाबाद, भिवंडी, सोलापुर, कोल्हापुर, वसई-विरार, मालेगांव, नांदेड़, सांगली और सभी जिला मुख्यालय शामिल हैं. सी श्रेणी समूह में ए और बी समूह के अलावा अन्य शहर शामिल हैं. विशेष रूप से, राज्य सरकार ने 28 प्रकार की सर्जरी के लिए 10,000 रुपये से 1 लाख रुपये. क्लास बी शहरों के लिए 75,00 रुपये से 7,5000 रुपये और क्लास सी शहरों के लिए 60,00 रुपये से 6,0000 रुपये तक की लागत तय की है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बम्बई पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के तहत पंजीकृत सभी धर्मार्थ अस्पतालों को म्यूकरमाइकोसिस रोगियों का इलाज करते समय इस शुल्क सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है. अगर कोई अस्पताल इलाज के लिए इससे ज्यादा कीमत लेता हैं तो उसपर कार्रवाई होगी. 28 प्रकार की सर्जरी हुई निर्धारित अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के उपचार के लिए 28 प्रकार की सर्जरी चिह्नित की हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि तीसरी श्रेणी के शहरों में सर्जरी का न्यूनतम शुल्क लगभग छह हजार रुपये तय किया गया है और यह क्षेत्र व इलाज की जटिलता के आधार पर एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में जाने जाते हैं अस्पताल अधिसूचना में क्षेत्र और उपचार के प्रकार के अनुसार शुल्क का उल्लेख किया गया है. जन स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे मेट्रो शहरों में कुछ बहु-विषयक निजी अस्पताल हैं, जहां मस्तिष्क, नाक, आंख, कान, और अन्य के विशेषज्ञ म्यूकरमाइकोसिस के मामलों की देखरेख के लिए उपलब्ध हैं. ऐसे अस्पतालों को आमतौर पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में जाना जाता है. ब्लैक फंगस से बचाव के लिए एक्सपर्ट ने बताए ये 3 टिप्स बता दें कि कोविड में दी जा रही दवाएं मरीज की प्रतिरक्षा को कमजोर बना रही हैं. यह डायबिटीज और नॉन-डायबिटीज वाले लोगों में भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं. इसे फंगस के बढ़ने का मुख्य कारण माना जा रहा है. डेंटिस्ट के अनुसार, चूंकि वायरस मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं, इसलिए मौखिक स्वच्छता की देखरेख करना बहुत जरूरी है. ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में हर किसी को पता होना चाहिए. इससे समय रहते इलाज किया जा सकता है. इसमें ओरल टिशू, जीभ और मसूड़ों का डिस्कलरेशन शामिल है. इसके अलावा इसमें चेहरे पर सूजन, भरी हुई नाक, आंखों के नीचे भारीपन, बेचैनी, बुखार, सिरदर्द और देखने की क्षमता भी प्रभावित होती है. दिन में दो से तीन ब्रश जरूर करें कोविड से ठीक होने के बाद भी व्यक्ति को कुछ दिन आराम करने की सलाह दी जाती है. लेकिन कोविड में दी गई दवाएं और स्टेरॉयड मुंह में बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ाता है. इससे साइनस, फेफड़े यहां तक कि में भी समस्या पैदा हो सकती है. शुरुआती अध्ययनों में भी पता चला है कि कोविड-19 के बाद मुंह की सफाई रखना बहुत जरूरी है. विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में दो से तीन बार ब्रश करके और मुंह की सफाई करके मुंह की देखभाल करने से बहुत मदद मिल सकती है. कोविड रोगियों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है. इसलिए मरीज इस बीमारी के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए कोविड-19 के ठीक होने के बाद मौखिक स्वच्छता बनाए रखें. डेंटिस्ट कहते हैं कि कोविड के बाद टेस्ट जरूर कराएं. टेस्ट नेगेटिव आने पर सबसे पहले तो अपना टूथब्रश बदल लें और कुल्ला करते रहने की आदत डाल लें. कोविड से रिकवर हुए मरीज को अपनी सभी चीजें घर के अन्य सदस्यों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए. खासतौर से अपना टूथब्रश उस होल्डर में नहीं रखना चाहिए, जहां सब रख रहे हैं. ब्रश और टंग क्लीनर को बैक्टीरिया बनाने के लिए ठीक से साफ करते रहें. विशेषज्ञ एंटीसेप्टिक माउथवॉश से इन दोनों चीजों को साफ करने की सलाह देते हैं. देश में इससे पहले इस तरह का इंफेक्शन कभी नहीं देखा गया, जितना की दूसरी लहर में देखने को मिल रहा है. इसलिए कोविड रोगी ठीक होने के बाद जरूरत महसूस होने पर मुंह की मेडिकल क्लीनिंग और मौखिक स्वच्छता का विकल्प जरूर चुनना चाहिए. Post Views: 172