उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्यसामाजिक खबरें महाशिवरात्रि 2020: काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, शिवमय हुई बाबा की नगरी 21st February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this वाराणसी, (राजेश जायसवाल): महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर गुरुवार को ही काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। बाबा भोले के विवाहोत्सव पर्व पर बाबा की झांकी दर्शन के लिए विभिन्न प्रांतों से आये भक्तों ने अपने भावों से एक किलोमीटर के दायरे में मिनी भारत को एकाकार कर दिया। शुक्रवार को पूरी रात मंदिर खुला रहेगा और चार पहर की विशेष आरती होगी। वहीं शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शाम 7 बजे तक 3 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। भगवान शिव की नगरी काशी शिवरात्रि पर्व के मौके पर आधी रात से ही शिवमय हो जाती है। चारों तरफ हर हर- बम बम के नारों से काशी गुंजायमान हो जाता है। काशी विश्वनाथ दरबार में सुबह से ही दर्शन पूजन का अनवरत क्रम जारी है। बैरिकेडिंग पर आस्थावानों की भीड़ रात से ही उमड़ पड़ी और बाबा दरबार में कपाट खुलने का इंतजार किया। जैसे ही सुबह आरती के बाद दरबार खुला वैसे ही काशी विश्वनाथ की सारी गलियां हर हर महादेव के घोष से गूंज उठीं। काशी के घाट से लेकर बाबा दरबार तक हर-हर गंगे और बम-बम के नारों से भक्तों ने गंगा में स्नान कर बाबा दरबार की ओर लाखों आस्थावानों के कदम बढ़े तो शुक्रवार को दिन चढ़ने तक आस्था की कतार बरकरार रही। महाशिवरात्रि पर्व पर गंगा नदी में स्नान कर जलाभिषेक एवं दर्शन-पूजन हेतु आये श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन एवं सुरक्षा व शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत एसएसपी वाराणसी ने मय पुलिस बल के गोदौलिया से मैदागिन तक पैदल भ्रमण किया। इस दाैरान गंगा नदी में बोट के जरिए स्नानार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में सुबह से ही आला अधिकारी भी व्यवस्था पर नजरें गड़ाए हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के साथ श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। छत्ताद्वार ज्ञानवापी से ही आम लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। छत्ता द्वार से गोदौलिया और मैदागिन दोनों ओर लाइन लगाई गई है। दिव्यांग और बुजुर्ग भक्तों को नीलकंठ और ढुंढिराज गणेश वाले रास्ते भी प्रवेश देने का निर्देश अधिकारियों ने दिया है।पहली बार महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। जलाभिषेक के लिए सावन की तरह व्यवस्था की गई है। गर्भगृह के चारों गेट पर लगे पात्र से जलाभिषेक किया जा रहा है। Post Views: 369