ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह की गिरफ्तारी पर 24 मई तक लगी रोक 22nd May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह एट्रासिटी (जाति उत्पीड़न) से जुड़े मामले में पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को 24 मई 2021 तक गिरफ्तार न करें। न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की खंडपीठ ने सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। याचिका में परमवीर सिंह ने इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है और प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है। सिंह ने दावा किया है कि बदले की भावना से उनके खिलाफ यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। सुनवाई के दौरान परमवीर सिंह की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इसलिए इसके परिणाम स्वरूप सिंह के खिलाफ साल 2015 की घटना को लेकर यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि राज्य सरकार ने दावा किया कि मामले में अपराध का खुलासा हुआ है इसलिए एफआईआर दर्ज की गई है। इस दौरान खंडपीठ ने मामले में देरी से दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आखिर यह सब तब क्यों हो रहा है जब सिंह की सरकार के खिलाफ तकरार सामने आयी है। खंडपीठ ने कहा कि अभी इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हुई है। इसलिए पुलिस 24 मई तक सिंह को गिरफ्तार न करें। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने कहा कि सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उनके खिलाफ एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई है। जो फिलहाल अकोला में तैनात हैं। शिकायत में सिंह पर जाति उत्पीड़न का भी आरोप है। शुक्रवार रात खंडपीठ ने 12 बजे रात तक इस मामले की सुनवाई के बाद पुलिस को निर्देश दिया कि वह सिंह को 24 मई तक गिरफ्तार न करें। बता दें कि वर्तमान में अकोला में तैनात पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे ने सिंह के खिलाफ जाति उत्पीड़न (एट्रासिटी) की शिकायत दर्ज कराई है। अकोला पुलिस ने इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की है। इस तरह की एफआईआर कही पर भी दर्ज की जा सकती हैं। बाद में इसे संबंधित पुलिस स्टेशन को जांच के लिए भेजा जाता है। अकोला में दर्ज की गई एफआईआर को ठाणे पुलिस स्टेशन में भेजा जाएगा। क्योंकि घाडगे ने उस समय की घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है जब वह ठाणे पुलिस आयुक्तालय में तैनात थे। Post Views: 182