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मुंबई: भाजपा अध्यक्ष शेलार का खुला ऐलान- BJP को मिलेगी BMC की कमान, उद्धव से पूछे ये तीखे सवाल?

मुंबई: अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव समाप्त होते ही बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव का मुद्दा गूंजने लगा है। हालांकि, अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐलान कर दिया है कि बीएमसी का अगला महापौर भाजपा पार्टी से ही होगा। खास बात यह है कि करीब तीन दशकों से बीएमसी पर शिवसेना का नियंत्रण है।

रविवार को मुंबई भाजपा प्रमुख अशीष शेलार और मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद पूनम महाजन ने बांद्रा के गवर्नमेंट कॉलोनी ग्राउंड से इस अभियान की शुरुआत कर दी है। यह स्थल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ से बहुत ही कम ही दूरी पर मौजूद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह उद्धव के लिए सीधा संदेश है। इस मौके पर अशीष शेलार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए। शेलार ने उद्धव को लेकर कहा, जिसके वोट चाहे ले लीजिए, न मराठी और न मुस्लिम आपके लिए मतदान करेगा। लेकिन हमारा सवाल है कि ऐसा समय क्यों आया कि आपको जाति और धार्मिक बातों पर वोट मांगना पड़ रहा है। आपका (शिवसेना) 25 सालों से ज्यादा समय तक BMC पर कब्जा रहा, है न? तो आप क्यों अपने किए हुए काम के आधार पर वोट नहीं मांग रहे हैं?

गौरतलब है कि इसी साल जून महीने में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद तब की शिवसेना में फूट पड़ गई थी। इसके बाद राज्य से महाविकास अघाड़ी की सरकार भी गिर गई। ऐसे में भाजपा को भरोसा है कि शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबांची शिवसेना की मदद बीएमसी चुनाव में फायदेमंद हो सकती है। साल 2017 में शिवसेना ने 227 में से 84 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि, भाजपा 82 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी।

M2 का फॉर्मूला
महाराष्ट्र में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में मराठी मुस्लिम सेवा संघ और बिल्किस बानो मामले का जिक्र भी चर्चा में है। शेलार का कहना है, ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब पार्टी’ मराठी और मुस्लिम वोट जुटाना चाहती है, लेकिन उन्होंने चतुराई से उन्हें मराठी मुस्लिम कह दिया है। आंकड़े बताते हैं कि मुंबई में मुस्लिम आबादी 21 प्रतिशत है। जबकि, मराठी भाषी 30 फीसदी हैं।

उद्धव समूह का इनकार
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की प्रवक्ता डॉक्टर मनीषा कयांदे का कहना है कि पार्टी कभी भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं रही। उन्होंने कहा कि अगर आप बालासाहेब ठाकरे के पुराने भाषण देखेंगे, तो पाएंगे कि वह उनसे (मुसलमानों) नफरत नहीं करते थे। अगर आरएसएस प्रमुख मस्जिद जा सकते हैं और मुसलमानों को लुभा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते?
हालांकि, वह भी शिवसेना में फूट के बाद बीएमसी चुनाव को कठिन काम बताती हैं। इधर, सितंबर में मुंबई दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी लक्ष्य तय कर चुके हैं। उन्होंने बीएमसी में भाजपा के लिए 150 सीटों का टारगेट बनाया है।