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राकेश सचान ने कांग्रेस का हाथ छोड़ थामा भाजपा का साथ, भोगनीपुर सीट से टिकट की चर्चा

कानपुर: उत्तर प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दल-बदल की राजनीतिक बयार कुछ तेजी से बह रही है। कानपुर ग्रामीण की राजनीति में कद्​दावर नेताओं में गिने जाने वाले राकेश सचान ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर अब भाजपा का दामन थाम लिया है। इससे पहले वह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। माना जा रहा है कांग्रेस में टिकट दावेदारी को दरकिनार किए जाने से नाराजगी के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है और उनकी कानपुर देहात की भोगनीपुर या फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सचान प्रियंका गाँधी सलाहकार टीम के सदस्य तथा कांगेस प्रदेश महासचिव रहकर कांग्रेस की नीतियों को आगे बढ़ा रहे थे।
कानपुर की घाटमपुर सीट से 1993 और 2002 में विधायक रहे राकेश सचान ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने दिल्ली में भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। इसके बाद क्षेत्र में भाजपा से जुड़े समर्थकों में खुशी की लहर है तो कांग्रेस में कद्दावर नेता का साथ छूटने से मायूसी छा गई है। अब उनका या पत्नी का फतेहपुर बिंदकी सीट या कानपुर देहात की भाेगनीपुर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राकेश सचान ने वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद 2019 में टिकट ना मिलने पर नाराज होकर वह सपा की साइकिल से उतर गए थे और समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब जब उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है तब उनकी पत्नी सीमा सचान को भोगनीपुर से BJP का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं गर्म हैं।