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लता मंगेशकर का अस्थि-कलश गंगा में वैदिक रीति रिवाजों के साथ विसर्जित

वाराणसी/मुंबई: अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर के अस्थि-कलश का विसर्जन बनारस के पावन गंगा तट स्थित अहिल्याबाई घाट पर किया गया। इस दौरान लता मंगेशकर के करीबी और परिवार के लोग भी अस्थि-कलश विसर्जन के दौरान घाट पर मौजूद रहे और वैदिक रीति रिवाज और परंपराओं के मुताबिक, गंगा में अस्थि-कलश विसर्जि‍त किया।
बता दें कि बीते माह 6 फरवरी को लता मंगेशकर का मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनका निधन होने के बाद उनकी चिता से अस्थियों का संकलन कर मोक्ष नगरी काशी में गंगा घाट पर ले जाकर विसर्जन की जानकारी पूर्व में ही परिवार की ओर से दी गई थी।
घाट पर श्रीकांत पाठक के आचार्यत्‍व में पूरे वैदिक परंपराओं के अनुरूप लता मंगेशकर की अस्थियों के कलश का पूजन कर उनको रीति रिवाजों के अनुरूप गंगा में विसर्जित किया गया। इस दौरान लता मंगेशकर के परिवार से उनकी बहन उषा मंगेशकर अस्थि-कलश को लेकर वाराणसी आई थीं। गंगा में अस्थि-कलश का विसर्जन करने के लिए वह पूर्व में ही वाराणसी पहुंच गई थीं। इस दौरान उनके साथ परिवार के अन्‍य सदस्‍य भी मौजूद रहे। पूजन का कार्य अहिल्याबाई घाट पर श्रीकांत पाठक के द्वारा सम्पन्न कराया गया तो इस दौरान परिचित लोग भी अस्थि-कलश का दर्शन और नमन करने पहुंचे।
मुंबई से उषा मंगेशकर के साथ आदिनाथ मंगेशकर, कृष्णा मंगेशकर, मयूरेश पई, विजय खाड़े, प्रतीक समदानी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के व्यक्तिगत सहायक मिलिंद नार्वेकर भी मौजूद थे। सुर-साम्राज्ञी को मोक्ष प्रदान करने के लिए बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना व शांति पाठ भी किया गया।

गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्‍न’ से सम्‍मानित 92 वर्षीय गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में 6 फरवरी को अंतिम सांस ली थी। उनके निधन पर भारत समेत दुनियाभर की दिग्‍गज हस्तियों ने गहरा शोक जताया था।