औरंगाबाददिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का दावा- जजों को ब्लैकमेल करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल रही है सरकार 20th December 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार न्यायाधीशों की कमजोरियों को खोजने और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में वरिष्ठ समाजवादी नेता बापूसाहेब काळदाते की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में संविधान के तहत स्वायत्तता प्राप्त संस्थानों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। प्रशांत भूषण ने कहा कि जब सरकार को लगता है कि कोई न्यायाधीश उसके हिसाब से काम नहीं करेगा, तो वह ऐसे न्यायाधीश को शीर्ष स्थान पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं देती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले, आयोगों या अन्य निकायों में सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों को नियुक्ति का लालच देकर उनके निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की जाती थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने नया तरीका अपनाया है। अब सभी न्यायाधीशों की फाइल तैयार की जाती है। आईबी, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों से न्यायाधीशों या उनके रिश्तेदारों की कमजोरियों का पता लगाने के लिए कहा जाता है। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसी कोई कमजोरी सामने आती है तो उसका इस्तेमाल उस जज को ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश के संस्थानों पर कब्जा करने की कोशिशों का विरोध करने के लिए लोगों को एक साथ आना चाहिए। प्रशांत भूषण ने दावा किया कि जब हमने अपने संविधान को अपनाया, तो कई संस्थान बनाए गए और उन्हें स्वायत्त दर्जा प्राप्त है। लेकिन अब उन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले जब विधेयकों का मसौदा तैयार किया जाता था तो उन्हें संसदीय समितियों के पास भेजा जाता था और उन पर चर्चा की जाती थी, लेकिन अब उन्हें बिना चर्चा के पारित कर दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पहले काफी स्वायत्त था, लेकिन अब सरकार चुनावों की तारीखें तय कर रही है। Post Views: 195