ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर वर्षा गायकवाड बनीं मुंबई की पहली महिला कांग्रेस अध्यक्ष, सामने है ये बड़ी चुनौतियां? 11th June 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, (राजेश जायसवाल): कर्नाटक में मिली प्रचंड जीत ने कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भर दिया है। ऐसे में कांग्रेस अब 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। सबसे पहले संगठनात्मक फेरबदल की योजना है। कांग्रेस राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और झारखंड में जल्द नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही पार्टी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की अनुभवी नेता प्रो. वर्षा गायकवाड को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी (MRCC) की पहली महिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। तीन बार की पूर्व राज्य मंत्री वर्षा गायकवाड़, अशोक उर्फ भाई जगताप की जगह लेंगी। उनके दिवंगत पिता एकनाथ गायकवाड़ ने भी 2017 से 2020 तक एमआरसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। वर्षा गायकवाड शहर की पार्टी इकाई की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं। एक अम्बेडकरवादी-बौद्ध परिवार से ताल्लुक रखने वालीं वर्षा गायकवाड मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स में गणित की प्रोफेसर हैं। वे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थीं। वह मुंबई के धारावी से साल 2004 से लगातार चार बार विधायक चुनी गई हैं। वर्षा को साल 2009 में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था। बाद में कैबिनेट मंत्री बनाया गया जिस पद पर वह 2014 तक रहीं। नवंबर 2019 से जून 2022 तक उन्हें महाविकास आघाड़ी सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री की जगह दी गई। उन्होंने अशोक चव्हाण की सरकार में 2009 में चिकित्सा शिक्षा, उच्च और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री का भी पद संभाला था। बाद में उन्हें महिला और बाल विकास का प्रभार भी दिया गया। वर्षा की मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर की गई नई नियुक्ति 2024 के लोकसभा और विधानसभा समेत इसी साल मुंबई महानगरपालिका के होने वाले चुनावों को देखते हुए कांग्रेस की रणनीति को साफ करती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव केसी वेणुगोपाल ने इस नियुक्ति का ऐलान किया है। मुंबई के साथ ही गुजरात और पांडिचेरी में भी नए अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। बता दें कि वर्षा गायकवाड का महिला होने के साथ एक दलित चेहरा होना भी कांग्रेस को फायदा पंहुचा सकता है। मुंबई में बड़ी तादाद में दलित वोटर्स कांग्रेस को वोट देते रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पिछड़े वर्ग से आते हैं और नवनिर्वाचित मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड दलित हैं। इस तरह कांग्रेस पिछड़ा और दलित कॉम्बिनेशन को लेकर आगे बढ़ने की नीति पर चल रही है। अब तक मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप थे, वे मराठा जाति से हैं। कांग्रेस ने पिछड़ा और मराठा कॉम्बिनेशन छोड़कर अब अपने पुराने और परखे हुए दलित वोट बैंक को खुश करने की नीति अपनाई है। वर्षा गायकवाड मुंबई के धारावी से साल 2004 से लगातार चार बार विधायक के तौर पर चुनी जाती रही हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री बनने से पहले भी वे कांग्रेस-एनसीपी की सरकार में महिला और बालविकास मंत्री के तौर पर काम कर चुकी हैं। 5 साल वे प्राध्यापिका भी रही हैं। Bhai Jagtap दूसरी ओर भाई जगताप अप्रैल 2021 में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए थे। उनकी आक्रामक छवि की वजह से उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी और यह समझा गया था कि उनके नेतृत्व में मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन मुंबई महानगरपालिका (BMC) का चुनाव आने से पहले ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। फिलहाल, वे विधान परिषद के सदस्य हैं। विधायक के तौर पर यह उनका दूसरा टर्म है। इससे पहले वे विधानसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं। लेकिन दूसरी बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा और विधान परिषद के रास्ते विधायिकी हासिल करनी पड़ी। विधान परिषद का चुनाव भी वे हारते-हारते जीते थे। यानी पार्टी को इस कामगार नेता की ताकत लगातार कम होती हुई दिखाई दे रही थी। राजनीतिक जानकारों के बीच यह चर्चा हो रही है कि कहीं इसके पीछे एक वजह ठाकरे गुट और प्रकाश आंबेडकर के बीच हुआ गठबंधन तो नहीं? प्रकाश आंबेडकर के बारे में कहा जा रहा है कि वे दक्षिण मध्य मुंबई से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। महाविकास आघाड़ी में ठाकरे गुट कांग्रेस से यह सीट लेकर (जहां धारावी, चेंबूर जैसे दलित बाहुल्य इलाके आते हैं) प्रकाश आंबेडकर को दिलवाना चाह रही है। लेकिन कांग्रेस अपना हक छोड़ने को तैयार नहीं है। कहीं, वर्षा गायकवाड़ को मुंबई अध्यक्ष बनाना कांग्रेस की इस सीट पर दावेदारी को और मजबूत करना तो नहीं है…यह एक बड़ा सवाल है? फ़िलहाल, अब देखना यह होगा कि जिस मुंबई कांग्रेस को डैशिंग भाई जगताप ने नई ऊर्जा का संचार कर पुनर्जीवित किया है उसे वर्षा गायकवाड अपने नेतृत्व कौशल्य से क्या करिश्मा करती हैं? वैसे भी जगताप को हटाए जाने में हुआ देरी! वरिष्ठ कांग्रेस सूत्रों ने ‘नेटवर्क महानगर’ को बताया कि भाई जगताप की मुसीबतें तब शुरू हुईं जब उन्होंने जून 2022 में महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस की पहली पसंद दलित वरिष्ठ नेता चंद्रकांत हंडोरे को हराया। इसके बाद एमवीए सरकार के गिरने के बाद उनको हटाने की प्रक्रिया में देरी हुई। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आलाकमान ने हंडोरे की हार पर ध्यान दिया है। नेता ने कहा, तथ्य यह है कि हमारी पहली पसंद वाले नेता हार गए और जगताप, जो हमारी दूसरी पसंद थे, के चुने जाने से गलत संदेश गया। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो वर्षा गायकवाड़ सहित मुंबई के कई विधायक भी भाई जगताप के अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हस्तक्षेप से नाराज चल रहे थे और उन्हें इस पद से हटाने की मांग की थी। बता दें कि भाई जगताप का बांद्रा (पूर्व) के विधायक जीशान सिद्दीकी के साथ भी सार्वजनिक विवाद हुआ था, जिन्होंने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नवंबर 2021 में एक सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शन के दौरान जगताप द्वारा गलत भाषा के इस्तेमाल और बुरे व्यवहार के बारे में पत्र लिखकर अवगत कराया था। एक अन्य विधायक, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, कहा कि ऐसा लगता है जैसे वह एक निजी कंपनी चला रहे थे। वह हममें से किसी को भी शामिल नहीं करते हैं और सब कुछ खुद ही करते हैं, लेकिन ऐसे पार्टी का काम नहीं चलेगा न। वर्षा के सामने है ये चुनौतियां? कांग्रेस के पास मुंबई में एक पारंपरिक वोट बैंक है, लेकिन 2017 के चुनावों में उसने खराब प्रदर्शन किया और 227 में से केवल 29 सीटों पर जीत हासिल की। 2019 में अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करने के बाद, पार्टी इस बारे में अनिश्चित है कि बीएमसी चुनावों के लिए अकेले चुनाव लड़ा जाए या फिर शिवसेना के साथ? 2021 में भाई जगताप ने घोषणा की थी कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और बिना किसी गठबंधन के बीएमसी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी! हालांकि, शिवसेना में विभाजन और एमवीए सरकार के गिरने के बाद, कांग्रेस अभी भी गठबंधन पर कोई फैसला नहीं कर पाई है? गौरतलब है कि बीएमसी मार्च 2022 से राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक के शासन के अधीन है। वर्षा गायकवाड के सामने अब एक वर्ष के भीतर होने वाले लोकसभा, विधानसभा और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनावों की चुनौती है? वहीँ, कुछ वरिष्ठ कांग्रेसीजनों का कहना है कि वर्षा गायकवाड को कुछ ख़राब छवि और स्थानीय चटुकार नेताओं से सम्भल कर चलना होगा। नहीं तो सबसे पहले होने वाले मनपा चुनाव में कांग्रेस को फायदा तो दूर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है! 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