दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट: आर्थिक सुस्ती के बावजूद मजबूत है वित्तीय प्रणाली- RBI 27th December 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक विकास दर में गिरावट के बावजूद देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत है। देश की विकास दर चालू कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में महज 4.5 फीसदी रही। इसके कारण आरबीआई ने चालू कारोबारी साल के लिए विकास दर के अनुमान को 2.40 फीसदी घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि जितने भी तरह के जोखिम हैं, वे वित्तीय प्रणाली को प्रभावित करने के लिहाज से मध्यम दर्जे के जोखिम हैं। इन जोखिमों में आरबीआई ने वैश्विक जोखिम, आर्थिक स्थिति पर जोखिम की धारणा, वित्तीय बाजार के जोखिम और संस्थागत पॉजिशनिंग को शामिल किया। आरबीआई ने हालांकि कहा कि घरेलू विकास, राजकोषीय, कॉरपोरेट सेक्टर और बैंकों की असेट क्वालिटी जैसे विभिन्न मोर्चे पर जोखिम की धारणा में अप्रैल-अक्टूबर 2019 के बीच बढ़ोतरी हुई है। बैंकों का ग्रॉस एनपीए सितंबर तक 9.9 फीसदी पर पहुंच जाएगाआरबीआई ने कहा कि सितंबर तक बैंकों को ग्रॉस एनपीए (जीएनपीए) अनुपात बढ़कर 9.9 फीसदी पर पहुंच सकता है। सितंबर 2019 में यह 9.3 फीसदी पर है। मार्च 2019 में भी यह 9.3 फीसदी था। आरबीआई ने कहा कि आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव, डिफॉल्ट्स में थोड़ी बढ़ोतरी और कर्ज वृदि्ध दर में गिरावट के कारण बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकारी बैंकों को जीएनपीए बढ़कर 13.2 फीसदी पर पहुंच जाएगारिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बैंकों का जीएनपीए सितंबर 2020 तक बढ़कर 13.2 फीसदी हो सकता है। सितंबर 2019 में यह 12.7 फीसदी था। निजी बैंकों के मामले में यह इस दौरान 3.9 फीसदी से बढ़कर 4.2 फीसदी पर पहुंच सकता है। विदेशी बैंकों के मामले में यह 2.9 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी हो सकता है। प्रावधान बढ़ने से घटा शुद्ध एनपीएरिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों का शुद्ध एनपीए (एनएनपीए) सितंबर 2019 में घटकर 3.7 फीसदी पर आ गया है। यह प्रावधान में बढ़ोतरी के अनुरूप है। सकल प्रोविजन कवरेज रेश्यो (पीसीआर) सभी बैंकों के मामले में मार्च 2019 के 60.5 फीसदी से बढ़कर सितंबर 2019 में 61.5 फीसदी पर पहुंच गया है। रिकैपिटलाइजेशन से बढ़ा कैपिटल टू रिस्क वेटेड असेट्स रेश्योरिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश करने से बैंकों का कैपिटल टू रिस्क वेटेड असेट्स रेश्यो (सीआरएआर) सितंबर 2019 में सुधरकर 15.1 फीसदी हो गया। यह मार्च 2019 में 14.3 फीसदी था। सरकारी बैंकों के मामले में यह 12.2 फीसदी से सुधरकर 13.5 फीसदी हो गया। Post Views: 203