दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग में रखा 1972 वाला फैसला, कहा- हम हैं असली ‘शिवसेना’, अब 17 को होगी सुनवाई 11th January 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/महाराष्ट्र: शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के 1971 के एक फैसले का हवाला दिया, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले समूह को मूल कांग्रेस के रूप में मान्यता दी थी. एकनाथ शिंदे गुट ने इस फैसले का हवाला बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी ‘शिवसेना’ पर दावा पेश करते हुए दिया. निर्वाचन आयोग के सामने शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने यह भी कहा कि 2018 में उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना के संविधान में ‘गुप्त और असंवैधानिक’ बदलाव और पार्टी में वैचारिक बदलाव आया. इसके चलते पार्टी ने 2019 में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई, जो संगठन में विभाजन का कारण बनी. गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने बगावत कर दी, जिसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिर गई और फिर शिंदे पिछले साल जून में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तब से शिवसेना के शिंदे और ठाकरे गुटों में संगठन पर नियंत्रण को लेकर लड़ाई चल रही है. वरिष्ठ वकील जेठमलानी ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अभ्यावेदन देने के बाद पत्रकारों से कहा कि असली शिवसेना हम हैं. हमारे पास संख्या बल है और वास्तविक संगठन पर भी हमारा नियंत्रण है. वहीं अधिवक्ता कपिल सिब्बल ठाकरे गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह 17 जनवरी को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी दलील रखेंगे. Post Views: 198