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शिवसेना में बगावत बढ़ी, पार्टी मीटिंग में पहुंचे 12 विधायक, शाम 5 बजे शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी की अहम बैठक

मुंबई: महाराष्ट्र में उठे राजनीतिक संकट के बीच मचे महासंग्राम में शिवसेना हथियार डालती नज़र आ रही है। पार्टी में लगातार बगावत बढ़ती जा रही है। जिससे ठाकरे सरकार की कुर्सी ह‍िल चुकी है। माना जा रहा है क‍ि उद्धव क‍िसी भी समय इस्‍तीफे का ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पार्टी की मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें महज 12 विधायकों के हिस्सा लेने की खबर है। जबकि महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे के गुट में बागियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीँ विधायक एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ शिवेसना के 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस समय मुझे कुल 50 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा- पिछले ढाई सालों में महाविकास अघाड़ी सरकार ने केवल घटक दलों को फायदा पहुंचाया है और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ है।
जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना ज़रूरी है। महाराष्ट्र के हित में अब निर्णय लेने की ज़रूरत है।
चार और विधायक गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे। इनमें गुलाबराव पाटिल, योगेश कदम, चंद्रकांत पाटिल और मंजुला गावित शामिल हैं।
चंद्रकांत पाटिल जलगांव से निर्दलीय विधायक हैं और उन्हें अजीत पवार का करीबी माना जाता है। योगेश कदम शिवसेना नेता रामदास कदम के बेटे हैं जिससे अब ये साफ है कि रामदास कदम एकनाथ शिंदे की बगावत का समर्थन कर रहे हैं।
गुलाबराव पाटिल सीएम उद्धव ठाकरे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। उनके गुवाहाटी आने से हर कोई आश्चर्य कर रहा है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे आज कोई बैठक नहीं करेंगे। हालांकि, कुछ विधायक सरकारी काम से वर्षा बंगले पर जा रहे हैं। महाराष्ट्र में बने सियासी माहौल के बीच शिवसेना ने एक अर्जेन्ट बैठक बुलाई है। इसमें शिवसेना के सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया है और ये बैठक दादर स्थित शिवसेना भवन में होगी।
राउत ने कहा कि नितिन देशमुख एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
बता दें कि नितिन देशमुख कल ही सूरत से नागपुर लौटे हैं। वहीं गुवाहाटी में जिस होटल में शिवसेना के बागी विधायक ठहरे हैं, उसके सामने टीएमसी नेताओं का हंगामा शुरू हो गया है। होटल के सामने TMC नेता और कार्यकर्ताओं ने धरने देते हुए कहा है कि एक तरफ असम में बाढ़ के हालात हैं और दूसरी तरफ यहां राजनीतिक चालें चली जा रही हैं। टीएमसी नेता ने कहा कि ये सब राजनीति महाराष्ट्र में जाकर करनी चाहिए।

शिवसेना के बागी विधायक के पत्र में कही गई कई अहम बातें-
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के एक बागी विधायक का पत्र शेयर किया है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायकों को मुख्यमंत्री आवास (वर्षा बंगला) जाने का मौका नहीं मिलता। सीएम के आसपास मौजूद लोग तय करते थे कि शिवसेना विधायक उनसे मिल सकते हैं या नहीं। हमें अपमानित महसूस हुआ।
पत्र में लिखा है कि सीएम कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातोश्री (ठाकरे पारिवारिक निवास) में रहते थे। हम सीएम के आसपास के लोगों को फोन करते लेकिन वे कभी हमारे कॉल्स नहीं उठाते थे। हम इन सब बातों से तंग आ चुके थे। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।
आगे लिखा है- जब हम सीएम से नहीं मिल पाए, लेकिन ‘असली विपक्ष’ कांग्रेस और एनसीपी के लोगों को उनसे मिलने का मौका मिलता था और यहां तक ​​कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए फंड भी दिया जाता था।
शिवसेना विधायक द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि जब हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका?आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।

बालासाहेब की हिंदुत्व वाली शिवसेना से कभी समझौता नहीं होना चाहिए
एकनाथ शिंदे ने एक एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की अपील पर वो विधायकों से बात करेंगे। शिंदे ने चैनल से फोन पर बात करते हुए कहा कि अभी हमारे पास शिवसेना और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 से अधिक विधायकों का सपोर्ट है। इसमें शिवसेना के 40 से अधिक विधायक हैं। अगले कदम के सवाल पर शिंदे ने कहा कि विधायकों के साथ हमारी एक बैठक होगी, उसके बाद आगे की रणनीति तय होगी।
भाजपा में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने की शर्त पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस तरह की हमारी किसी से भी कोई बात नहीं हुई है। हमारे विधायकों के साथ मीटिंग के बाद ही हम कोई फैसला लेंगे। हमारे सामने किसी ने कोई शर्त भी नहीं रखी है।
शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब के सैनिक हैं, उनके विचारों से हमने कभी समझौता नहीं किया। हमारी मांग भी यही है कि बालासाहेब की हिंदुत्व वाली शिवसेना से कभी समझौता नहीं होना चाहिए।

सरकारी आवास ‘वर्षा’ छोड़ ‘मातोश्री’ शिफ्ट हुए उद्धव
सियासी संकट के बीच बुधवार की देर शाम सीएम उद्धव ठाकरे परिवार समेत सरकारी आवास ‘वर्षा’ को छोड़कर अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ शिफ्ट हो गए हैं। उद्धव अब यहीं से कामकाज संभालेंगे। उद्धव के इस स्टैंड को इमोशनल कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने फेसबुक लाइव पर भावुक होते हुए कहा था कि उन्हें सीएम पद की लालसा नहीं है और वह इस्तीफा देने को तैयार हैं। हालांकि, रात होते-होते शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उद्धव पद नहीं छोड़ेंगे। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं और वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। राउत ने कहा कि अगर फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने का मौका मिलेगा तो करेंगे। राउत ने स्पष्ट किया कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की पेशकश वाली बात बिल्कुल गलत है। संजय राउत ने कहा, ‘हम संघर्ष करेंगे।’
वर्षा बंगले से बाहर निकलते वक्त समर्थकों के हुजूम ने उद्धव ठाकरे की गाड़ी को घेर लिया। वहीं मातोश्री के बाहर भी बड़ी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठा हुए। मातोश्री के बाहर नारे लगाए गए- ‘उद्धव साहेब आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।

शरद पवार बोले- सत्ता जाने के बाद आगे के संघर्ष के लिए तैयार रहें
दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने आज शाम 5 बजे अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। इसको लेकर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि आज गुरुवार शाम 5 बजे मैंने अपने सभी विधायकों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। जिससे उन्हें महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत कराया जा सके। इस बैठक में पार्टी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद होंगे। इसमें आगे की रणनीति तय होगी।
जयंत पाटिल ने बताया कि हमने शरद पवार के आवास पर एक बैठक की थी। इसमें पिछले 3-4 दिनों में हुई घटनाओं का आंकलन किया गया। पवार साहेब ने हमसे कहा कि सरकार बनी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए हमें वह सब कुछ करना चाहिए, जिसकी जरूरत है। हम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े होंगे। इस दौरान प्रमुख शरद पवार ने भी कहा है कि सत्ता जाने के बाद आगे के संघर्ष के लिए तैयार रहें। बैठक के बाद एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि फ्लोर टेस्ट की नौबत आएगी। इस मामले को हम बातचीत से सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बचाने की पूरी कोशिश होगी।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड और पार्टी नेता सुनील तटकरे शामिल हुए।

…जब अपने मंत्रियों पर भड़के पवार, बोले- क्या कर रहा था सूचना गृह मंत्रालय और इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट?
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना के विधायकों की बगावत की सूचना गृह मंत्रालय और इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट की ओर से न दिए जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार काफी नाराज है। उन्होंने गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल और एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से मिलकर नाराजगी जताई है।
सूत्रों ने बताया कि शिवसेना विधायकों का राज्य छोड़कर भाजपा शासित राज्य गुजरात में जाने के बाद शरद पवार ने मंगलवार रात को दिल्ली से मुंबई आकार अपने आवास पर वलसे और पाटिल से मुकलात की। इस दौरान वह बगावत की जानकारी इंटेलीजेंस से न मिलने पर काफी नाराज दिखे, क्योंकि गृह विभाग उन्हीं की पार्टी (NCP) के मंत्री के पास है।
सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम से एनसीपी चीफ पवार काफी नाराज है। उन्होंने पार्टी के नेताओं को अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है। इसके साथ उन्होंने इस बात पर आर्श्चय जताया है कि इतनी बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री राज्य से बाहर जा रहे थे और इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट ने सरकार को खबर भी नहीं की।