दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य संजय राउत ने किरीट सोमय्या पर लगाया सनसनीखेज आरोप,पूछा- ‘आईएनएस विक्रांत’ के लिए जमा 50 करोड़ कहां गए? 6th April 2022 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आईएनएस विक्रांत को बचाने के अभियान के तहत लोगों से लगभग 50 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन वह पैसा उन्होंने राज्य के राजकोष में जमा नहीं किया था। नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संजय राउत ने सोमैया के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग करते हुए दावा किया कि यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर (आईटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिए उपयुक्त मामला है। शिवसेना नेता राउत ने कहा, पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में, भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रांत सहित एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब आईएनएस विक्रांत की स्थिति खराब हो गई और इसे बनाए रखना मुश्किल हो गया, तो इसे संग्रहालय में बदलने के लिए अभियान चलाए गए। उन्होंने आगे कहा कि इस उद्देश्य के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, और केंद्र या राज्य सरकारें वित्तीय सहायता प्रदान नहीं कर सकती थीं। आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए देशभर में अभियान चल रहे थे। महाराष्ट्र से पार्टी के सभी नेता दिल्ली आते थे और तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी या प्रधानमंत्री से मिलते थे। किरीट सोमैया अभियान का हिस्सा हुआ करते थे। राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए धन जुटाने के लिए एक अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा, सोमैया ने अपने स्वयंसेवकों की मदद से लोगों से टी-शर्ट और जर्सी पहनकर और मुंबई एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर जाकर ‘सेव विक्रांत’ के लिए पैसे इकट्ठा करने की अपील की। उस समय कई लोगों ने आईएनएस विक्रांत के नाम पर लाखों और करोड़ों रुपये का दान दिया था। तीन-चार लोगों ने कल मुझे फोन किया और कहा कि उन्होंने नेवी नगर, चर्चगेट और चेंबूर में 5,000 और 10,000 रुपये का दान दिया है। संजय राउत ने आरोप लगाया कि ‘आईएनएस विक्रांत’ के लिए पचास करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई लेकिन राजभवन से मिली जानकारी में कहा गया कि एक पैसा भी जमा नहीं किया गया। जानकारी के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई। लोगों को लगा कि यह सारा पैसा ‘आईएनएस विक्रांत’ को बचाने के लिए भेजा जायेगा। सोमैया ने तब सभी अखबारों में कहा कि वे अलग से एक खाता खोलकर राजभवन के खाते में पैसे जमा करा देंगे। हमें राज्य भवन से सूचना मिली कि ऐसी कोई राशि जमा नहीं की गई है। Post Views: 260