दिल्लीदेश दुनियापुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरलाइफ स्टाइलशहर और राज्य सुमन बनी मिस इंडिया, कहा- सफल होने से पहले चढ़नी पड़ती है असफलता की सीढियां… 21st June 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this स्कूल का कोई प्रोग्राम मिस न करें: सुमन राव मुंबई/जयपुर, (राजेश जायसवाल): मिस इंडिया के 67 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब राजस्थान को मिस इंडिया का टाइटल मिला है। यह प्रतियोगिता 1952 से शुरु हुई थी। मुंबई में हुई प्रतियोगिता में राजसमंद की सुमन राव ने मिस इंडिया का क्राउन जीत लिया। वे दिसंबर में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में इंडिया को रिप्रजेंट करेंगी। सुमन के पिता पेशे से ज्वैलर है। ग्लैमरस दुनिया के साथ सुनम सी.ए. की पढ़ाई और एग्जाम की तैयारी कर रही हैं। वे कहती हैं कि वो जीवन में उन चीजों को करने की भी हिम्मत रखती हैं जिन्हें लोग असंभव मानते हैं। सुमन जीवन में सबसे ज्यादा प्रभावित अपने माता-पिता से हैं। मिस इंडिया का ताज पहनने के बाद सुमन अपने मम्मी-पापा को ज्यादा समय नहीं दे पाने से काफी मिस कर रही हैं। 1999 में मुंबई चली आई थी फैमिली…सुमन राव राजसमंद जिले में आमेट क्षेत्र के छोटे-से गांव आईडाणा में जन्मी है। वे 1999 से फैमिली के साथ मुंबई में रह रही हैं। ‘मिस नवी मुंबई’ के बाद ‘मिस इंडिया’ बनने तक का सफर उन्होंने सिर्फ डेढ़ साल में तय किया है। उनके पिता रतनसिंह मुंबई में ज्वैलरी व्यवसायी हैं। वे सुमन काे 13 महीने की उम्र में ही मुंबई लेकर आए थे। बाद में उनकी पढ़ाई यहीं हुई। डेढ़ साल पहले मुंबई में ‘मिस नवी मुंबई’ कांटेस्ट में भाग लेकर ‘मिस नवी मुंबई’ का खिताब जीत चुकी है। तब इस कांटेस्ट में 500 युवतियों ने भाग लिया था। फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के शो में भी काम कर चुकी है। इसी साल जयपुर में मिस इंडिया कांटेस्ट में भाग लिया था। मिस इंडिया का ताज पहनने के बाद आज पहली बार गुरुनानक कॉलेज पहुंचीं सुमन का जोरदार स्वागत किया गया। सुमन ने नेटवर्क महानगर से हुई बातचीत में कहा कि सफल होने के लिए पहले असफलता की सीढिय़ां चढ़नी पड़ती है। मेरे लिए सबसे खूबसूरत पल वो था जब मैंने नवी मुंबई की फर्स्ट रनरअप रही। मैं विनर नहीं बन पाई क्योंकि सवालों के जवाब देने का ढंग प्रभावशाली नहीं था। तब मैंने खुद की कमियों को पहचाना और पाया कि मेरे चलने, बोलने के ढंग में सुधार की जरुरत है। मैंने एक साल तक खुद पर वर्कआउट किया। मेरे बारे में ये ही रूमर्स फैलाया जाता है कि बहुत एटीट्यूड है। जबकि मेरा मनाना है कि हर महिला में सेल्फ कान्फीडेंस होना चाहिए। कभी गिव अप नहीं करना चाहिए। अगर आपने कोई सपना देखा है तो उसे हकीकत में बदलने के लिए उस दिशा में मेहनत करें। स्कूल का कोई प्रोग्राम मिस न करें। मैं अपना उदाहरण दूं, मुझे ‘मिस इंडिया’ का क्राउन जीतना था। 2018 में फर्स्ट रनरअप रही , लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मेरे दृढ निश्चय से ही मुझे बाकी 29 पार्टिसिपेंट्स से बेहतर करने की प्रेरणा मिली। जब आप अपने गोल के प्रति दृढ़ निश्चय होते हैं तो आपकी शरीर की नस-नस सफल सफल बनाने के लिए सक्रिय हो जाती है। बचपन से डांस और मॉडलिंग को बनाया हॉबी…सुमन बताती हैं कि मेरी प्राथमिक पढ़ाई गुरुनानक स्कूल से ही हुई और बाद में मैंने महात्मा गांधी एजुकेशन सोसायटी से अपनी पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही डांस तथा मॉडलिंग उनकी हॉबी में रहा है। कथक नृत्य करने की भी शाैकीन रही हैं। उनके पिता रतन सिंह के अनुसार सुमन जब स्कूल पढ़ती थी तब से ही लड़का-लड़की का अंतर खत्म करने की बात कहती। वह अक्सर कहती कि जाे काम लड़के कर सकते हैं, वह लड़कियां भी ताे कर सकती हैं। 14 अप्रैल काे पुणे में राजस्थान फिनाले के रिजल्ट में सुमन स्टेट विनर रही थीं। इसके बाद मिस इंडिया के लिए सुमन ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। वे 33 प्रतिभागियों को पछाड़कर मिस इंडिया बनी हैं। यह कार्यक्रम १५ जून को मुंबई के सरदार वल्लभभाई पटेल इंडोर स्टेडियम में किया गया था। Post Views: 204