दिल्लीमहाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य सोशल मीडिया को लेकर केंद्र के नए नियम हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, हाईकोर्ट में याचिका दायर 8th July 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: एक डिजीटल न्यूज वेबसाइट ने बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) (इंटरमीडियरी गाइडलाइन एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) के साल 2021 नए नियम बोलने की स्वतंत्रता से जुड़े मौलिक अधिकार पर हमला है। वेबसाइट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सूचना प्रद्योगिकी के नए नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में दावा किया गया है कि आईटी के नए नियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार), अनुच्छेद 19(ए) (बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी) के अलावा पेशे को अपनाने व कारोबार करने के अधिकार का उल्लंघन करते है। गुरुवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आई। इस दौरान एक न्यूज वेबसाइट की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डैरिस खंबाटा ने कहा कि आईटी के नए नियम नागरिकों को संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों को प्रभावित करते हैं। यह नियम लोगों को बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला करते है। नए नियम कहते हैं कि यदि कोई न्यूज संगठन नैतिकता से जुड़ी संहिता का पालन नहीं करेंगा, तो उन्हें मुकदमों का सामना करना पड़ेगा। देशभर में दायर हुई हैं 10 याचिकाएं वहीं केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि इस विषय पूरे देशभर के अलग-अलग उच्च न्यायालयों में 10 याचिकाएं दायर की गई हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थनांतरित करने का आग्रह किया है। 9 जुलाई को केंद्र सरकार के आवेदन पर सुनवाई रखी गई है। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 16 जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने भी हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में आईटी के नए नियमों को मनमानीपूर्ण व अवैध बताया गया है। Post Views: 175