दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य मुंबई: अपनी गणित से सरकार को मुश्किल से बाहर निकालेंगे गडकरी… 8th November 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, पिछली विधानसभा के कार्यकाल खत्म होने की उल्टी गिनती भी चालू है, जो 9 नवंबर (शनिवार) को खत्म हो जाएगी। बीजेपी या शिवसेना में से अभी तक किसी ने भी सरकार बनाने का दावा नहीं किया, ऐसे में राजनीतिक संकट और गहराता जा रहा है। इस बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई है।इधर मुंबई पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना के आरोपों पर कहा- विधायकों की खरीद फरोख्त का कोई सवाल ही नहीं है। अगर बीजेपी और शिवसेना के बीच मध्यस्थता की जरूरत पड़ती है तो वह मैं कर सकता हूँ। गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में संघ की कोई भूमिका नहीं है।खबर है कि नितिन गडकरी के आवास पर बीजेपी नेताओं की एक बैठक चल रही है। जानकार बता रहे हैं कि गडकरी आज शाम तक देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात भी करवा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र को केयर टेकर की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति शासन थोपना जनादेश का अपमान होगा। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर से मुंबई पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे आज प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, अगर बीजेपी के पास संख्याबल है तो वह सरकार बनाने का दावा कर सकती है, लेकिन राज्य पर राष्ट्रपति शासन थोपना जनादेश का अपमान होगा। उन्होंने आगे कहा, न्याय और अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी। न उद्धव ठाकरे झुके हैं और न ही शरद पवार। महाराष्ट्र की अस्मिता से कोई समझौता नहीं होगा। संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र को केयर टेकर की जरूरत नहीं है। सीएम को संवैधानिक दायरे में इस्तीफा देना पड़ेगा। मोदी-शाह महाराष्ट्र को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेल रहेइससे पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी राष्ट्रपति शासन लागू कर दिल्ली से महाराष्ट्र की सत्ता चलाना चाहती है। मलिक ने शुक्रवार को ट्वीट कर आरोप लगाया है, महाराष्ट्र को बीजेपी राष्ट्रपति शासन की ओर ढकेल रही है, मोदी और शाह की जोड़ी के जरिये दिल्ली से महाराष्ट्र की सत्ता की बागडोर चलाना चाहती है। यह महाराष्ट्र का अपमान जनता सहन नहीं करेगी। मलिक ने आगे कहा- दिल्ली के तख्त के आगे महाराष्ट्र नहीं झुकता, यह इतिहास है। कांग्रेस विधायक एक साथ हैंउधर राज्य में जारी राजनीतिक संकट पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने कहा, सभी कांग्रेस विधायक एक साथ हैं। कोई भी विधायक पार्टी से नाता नहीं तोड़ेगा। पार्टी हाईकमान जो कहेगा विधायक उसका पालन करेंगे। हम बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने की अनुमति नहीं देंगे। एनसीपी हमारी सहयोगी है, वे हमारे साथ हैं। महाराष्ट्र को बचाने के लिए लोगों ने हमें वोट दिया है। राज्यपाल के सामने 4 विकल्पराज्य में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी को सरकार गठन के लिए राज्यपाल को पत्र देना चाहिए, या राज्यपाल को ऐसी स्थिति में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। अगर 9 नवंबर तक कोई दल सरकार नहीं बना पाता तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल विधानसभा को ‘सस्पेंडेड अनिमेशन’ में रख सकते हैं। विधानसभा कब तक निलंबित रहेगी यह राज्यपाल के विवेक पर निर्भर है। दूसरे यदि सभी दलों ने सरकार गठन से इनकार कर दिया हो, तब राज्यपाल राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज कर राज्य में अनुच्छेद ३५६ के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हैं। राज्यपाल मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करने के लिए कहेंगे, जब तक नए सीएम नहीं बन जाते क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल असेंबली के साथ ही खत्म हो जाए।राज्यपाल कोश्यारी सबसे बड़ी पार्टी (यहां बीजेपी है, जिसे 288 में से 105 सीटें मिली हैं) के नेता को सीएम नियुक्त करेंगे, जिसे वह समझें कि वह सदन में बहुमत साबित कर सकते हैं, भले ही वह बाद में फ्लोर टेस्ट में फेल हो जाए।राज्यपाल असेंबली से फ्लोर पर अपने नेता का चुनाव करने के लिए कह सकते हैं। अगर कोई विवाद है तो इसके लिए बैलट पेपर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। (1998 में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी विधानसभा में नए सीएम जगदंबिका पाल और हटाए गए उनके पूर्ववर्ती कल्याण सिंह के बीच फैसला करने के लिए वोट करने को कहा था।)अगर कोई भी पर्याप्त संख्याबल के साथ सरकार बनाने का दावा नहीं करता है और पहले तीन विकल्प फेल हो जाते हैं तो गतिरोध को खत्म करने के लिए राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। Post Views: 207