ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य मुंबई से कोरोना को खत्म करने के लिए BMC ने कसी कमर, अब हर वॉर्ड में होगी टेस्टिंग 24th July 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में फिलहाल कोरोना वायरस के मामले स्थिर हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) अधिक से अधिक लोगों की टेस्टिंग के लिए‘जंबो टेस्टिंग’ की शुरुआत कर रही है। इसके तहत पुलिस, हेल्थकेयर वर्कर्स सहित कोरोना से बचाव के लिए काम करने वाले तमाम फ्रंट लाइन वॉरियर्स का टेस्ट किया जाएगा। बीएमसी को उम्मीद है कि इससे महानगर में टेस्टिंग की क्षमता और बढ़ेगी। बीएमसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मुंबई में औसतन 5-6 हजार के बीच टेस्टिंग रोज हो रही है। कभी-कभी यह आंकड़ा 7 हजार तक भी पहुंच जाता है लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए एंटीजन टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। फिलहाल, एंटीजन टेस्टिंग केवल कोरोना केयर सेंटर में जाने वाले लोगों का किया जा रहा है लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए बीएमसी ने अब हेल्थ वर्कर्स को भी इसके तहत शामिल करने का फैसला लिया है। इससे रोजाना करीब 3 हजार अतिरिक्त टेस्टिंग महानगर में बढ़ सकती है। BMC के प्रत्येक वॉर्ड में होगी टेस्टिंगबीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि फिलहाल एंटीजन टेस्टिंग उत्तर मुंबई के वॉर्ड में आने वाले कोरोना केयर सेंटर में की जा रही है। अब इसे बढ़ाया जा रहा है। इस बारे में हाल ही में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया कि इसे अब बीएमसी के सभी 24 वॉर्ड्स में शुरू किया जाएगा और सभी कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर की टेस्टिंग की जाएगी। इसमें सफाईकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस वाले शामिल होंगे। हमारा लक्ष्य मुंबई में रोजाना कोरोना की 10 हजार टेस्टिंग करना है। इस नई पहल से हमें लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। अब तक 9,371 एंटीजन टेस्टिंगबीएमसी स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर मुंबई में अब तक 9371 लोगों की एंटीजन टेस्टिंग के जरिए कोरोना की जांच की गई है। इनमें से 1214 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। औसत देखें तो 13 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है। गौरतलब है कि मुंबई में टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए बीएमसी ने 1 लाख एंटीजन टेस्टिंग किट खरीदी हैं। क्या है एंटीजन टेस्टिंग?कोरोना की जांच के लिए यह एक रैपिड टेस्ट है, जिसमें इंसान का लार लेकर उससे कोरोना की जांच की जाती है। करीब 30 मिनट में इसकी रिपोर्ट आ जाती है। रिपोर्ट निगेटिव आती है लेकिन इंसान में कोरोना के कोई लक्षण दिखते है तो उसका आरटीपीसीआर के जरिए फिर से टेस्ट किया जाता है। जबकि, कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे पॉजिटिव ही समझा जाएगा और उसकी आरटीपीसीआर के जरिए जांच नहीं की जाएगी।सुरेश काकानी ने कहा कि मुंबई में कोरोना की जांच को और बढ़ाने के लिए हमने सभी फ्रंट लाइन वॉरियर्स का एंटीजन रैपिड टेस्ट करने का फैसला लिया है। इसकी शुरुआत शुक्रवार से की जा सकती है। Post Views: 187