सामाजिक खबरें गौतम बुद्ध का प्रेरक प्रसंग: जब मन अशांत हो तो कुछ समय मौन रहकर हालात समझें और फिर निर्णय लें, मन को मिल सकती है शांति 22nd October 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this अशांत मन में प्रश्नों की अधिकता रहती है। प्रश्नों की वजह से हम सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ मौन हो जाना चाहिए, मौन रहकर हालात समझेंगे तो मन को शांति मिल सकती है। इस संबंध में गौतम बुद्ध से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग प्रचलित है। प्रसंग…गौतम बुद्ध रोज अपने शिष्यों को उपदेश देते थे। बुद्ध के प्रवचन सुनने शिष्यों के साथ ही अन्य लोग भी पहुंचते थे। एक दिन जब बुद्ध प्रवचन दे रहे थे, तभी एक व्यक्ति पहुंचा और वह बोला कि तथागत मैं आपसे बहुत सारे प्रश्न पूछना चाहता हूं। मेरा मन बहुत अशांत है। कृपया मेरे प्रश्नों के उत्तर दें, ताकि मेरा मन शांत हो सके। बुद्ध ने उससे कहा कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर जरूर दूंगा। लेकिन, तुम्हें एक साल तक मौन धारण करना होगा। एक साल के बाद तुम जो भी पूछोगे, तुम्हें उसका उत्तर जरूर मिल जाएगा। उस व्यक्ति ने कहा कि एक साल बाद आप मेरे प्रश्नों के अवश्य देंगे ना? बुद्ध ने कहा कि मैं अपनी बात का पक्का हूं, तुम्हें सारे प्रश्नों के जवाब दूंगा, लेकिन एक साल बाद। बुद्ध की बात मानकर उस व्यक्ति ने मौन व्रत धारण कर लिया। धीरे-धीरे वह मौन की वजह से उसका मन एकाग्र होने लगा, वह ध्यान में उतरने लगा। मन भी शांत होने लगा। उसके सभी प्रश्न खत्म होने लगे। एक साल बीत गया। समय पूरा होने के बाद बुद्ध ने उस व्यक्ति से कहा कि अब तुम अपने सभी प्रश्न मुझसे पूछ सकते हो। ये बात सुनकर वह व्यक्ति हंसा और कहा कि एक साल पहले मेरे मन में कई प्रश्न थे, लेकिन अब सारे प्रश्न शांत हो गए हैं। अब मेरे पास आपसे पूछने के लिए कोई प्रश्न नहीं है। बुद्ध ने उस व्यक्ति से कहा कि जब तक हमारा मन शांत नहीं है, मन में ढेरों प्रश्न उठते रहते हैं, उसकी परेशानियां बनी रहती हैं। अज्ञान और भ्रम की वजह से हमारा मन प्रश्नों के उत्तर तक पहुंच ही नहीं पाता है। कुछ समय मौन धारण करके हम हालातों को समझेंगे तो सारे प्रश्नों के उत्तर स्वत: ही मिलने लगते हैं। मन शांत हो जाता है तो सभी प्रश्न भी खत्म हो जाते हैं। सारी चीजें हम आसानी से समझने लगते हैं और जीवन में सुख-शांति मिल जाती है। Post Views: 164