ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य अभिनेता सोनू सूद को बॉम्बे हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, कथित अवैध निर्माण केस में अब बीएमसी लेगी एक्शन 21st January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: कथित अवैध निर्माण मामले में अभिनेता सोनू सूद को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेता सोनू सूद की उस अपील और अंतरिम याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जुहू स्थित अपनी आवासीय इमारत में कथित अवैध निर्माण को लेकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के नोटिस को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि अदालत अपील और याचिका को खारिज कर रही है। अब इसका मतलब है कि सोनू सूद पर बीएमसी ही कार्रवाई करेगी।अभिनेता के वकील अमोघ सिंह ने बीएमसी द्वारा जारी नोटिस का पालन करने के लिए 10 सप्ताह का समय मांगा था और अदालत से अनुरोध किया था कि वह बीएमसी को इमारत ढहाने का कदम नहीं उठाने का निर्देश दे। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता के पास ऐसा करने का पहले पर्याप्त समय था। बता दें कि बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस को सूद ने दिसंबर 2020 में दीवानी अदालत में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था। बीएमसी ने अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि सूद ने छह मंजिला ‘शक्ति सागर’ रिहायशी इमारत में ढांचागत बदलाव कर उसे वाणिज्यिक होटल में तब्दील कर दिया।बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान 12 जनवरी को बीएमसी ने सोनू सूद को ‘आदतन अपराधी’ बताया था। नगरपालिका ने अदालत में कहा था कि अभिनेता अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं। दरअसल, बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बंबई उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ‘आदतन अपराधी’ हैं, जो पहले दो बार विध्वंस कार्रवाई के बावजूद उपगनरीय जूहू में एक रिहायशी इमारत में अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करवाते रहे हैं। बीएमसी ने अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि सूद ने छह मंजिला ‘शक्ति सागर’ रिहायशी इमारत में ढांचागत बदलाव कर उसे वाणिज्यिक होटल में तब्दील कर दिया। बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस को सूद ने दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायलय ने बीएमसी को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिये कहा था।बीएमसी ने अपने हलफनामे में कहा, याचिकाकर्ता आदतन अपराधी हैं और अनधिकृत कार्य से पैसा कमाना चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने लाइसेंस विभाग की अनुमति के बगैर ध्वस्त किये गए हिस्से का एक बार फिर अवैध रूप से निर्माण कराया ताकि इसे होटल के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। बीएमसी ने सितंबर 2018 में अवैध निर्माण के लिये प्रारंभिक कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन सूद ने अवैध निर्माण जारी रखा। 12 नवंबर 2018 के अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। Post Views: 191