उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य 10 रुपए का ये इंजेक्शन है कोरोना मरीजों की जान बचाने में कारगर! 21st April 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this लखनऊ: भारत में बढ़ते कोरोना मरीजों और बेड की मारामारी के बीच सुकून की खबर है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ी है, लेकिन बाजारों में इसकी किल्लत है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टीटयूट (एसजीपीजीआई) के डॉक्टरों ने कोरोना मरीज की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर के विकल्प के रूप में ‘डेक्सामेथासोन’ इंजेक्शन के प्रयोग का सुझाव दिया है। इसका इंजेक्शन मात्र 10 रुपए, जबकि गोली महज दो रुपए में उपलब्ध है। डॉक्टरों ने ‘डेक्सामेथासोन’ को कोरोना मरीजों के उपचार में उपयोगी बताया है।एसजीपीजीआई के आइसीयू एक्सपर्ट प्रोफेसर संदीप साहू का कहना है कि रेमडेसिविर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मान्यता भी नहीं दी है। डॉक्टर इस इंजेक्शन की सलाह देकर परेशानी नहीं बढ़ाएं। उन्होंने बताया कि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में हाल ही प्रकाशित शोध में सामने आया है कि ‘डेक्सामेथासोन’ सांस संबंधी बीमारियों के उपचार में काफी कारगर है। ‘डेक्सामेथासोन’ से मिले चौंकाने वाले नतीजे!रिपोर्ट के अनुसार, दो हजार से अधिक ऐसे कोरोना मरीज, जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से भी कम था। ‘डेक्सामेथासोन’ इन्हें दिया गया तो 28 दिन बाद ऐसे लोगों की मृत्यु दर काफी कम थी। इन्हें वेंटिलेटर की जरुरत बिलकुल ही नहीं पड़ी। डेक्सामेथासोन की माँग क्यों?हाल ही में ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने भी दावा किया है कि दुनियाभर में बेहद सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवा ‘डेक्सामेथासोन’ कोरोना वायरस से संक्रमित और गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की जान बचाने में काफी मदद कर सकती है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अगर इस दवा का इस्तेमाल ब्रिटेन में संक्रमण के शुरुआती दौर से ही किया जाता तो क़रीब 5 हज़ार लोगों की जान बचाई जा सकती थी! ज़ाहिर है, ब्रिटेन में हुए इस शोध के बाद से कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में ये दवा एक बड़ी कामयाबी बताई जा रही है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की एक टीम ने अस्पतालों में भर्ती 2000 मरीज़ों को यह दवा दी और उसके बाद इसका तुलनात्मक अध्ययन उन 4000 हज़ार मरीज़ों से किया, जिन्हें दवा नहीं दी गई थी। जो मरीज़ वेंटिलेटर पर थे, उनमें इस दवा के असर से 40 फ़ीसदी से लेकर 28 फ़ीसदी तक मरने का जोखिम कम हो गया और जिन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत थी उनमें ये जोख़िम 25 फ़ीसदी तक कम हो गया।शोधकर्ताओं के मुताबिक़ कोरोना वायरस इनफ़ेक्शन शरीर में इनफ़्लेमेशन (सूजन) बढ़ाने की कोशिश करता है। जबकि ‘डेक्सामेथासोन’ इस प्रक्रिया को धीमी करने में असरदार पाई गई। लेकिन लोगों को ये दवा ख़ुद से बिलकुल भी नहीं लेनी चाहिए। इसके लिए मेडिकल सुपरविज़न अनिवार्य है। रिसर्च का डब्लूएचओ ने किया स्वागतविश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO) ने भी इस शोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा है- हम ‘डेक्सामेथासोन’ पर हुई रिसर्च का स्वागत करते हैं जो कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में कमी ला सकती है। हमें जीवन को बचाने और नए संक्रमण को फैलने से रोकने पर ध्यान देना होगा। कोरोना वायरस के लक्षण दिखने और होम क्वारंटाइन रहने पर क्या करेंAzithromycin 250mg और Dexamethasos 6mg, डेक्सोना के पत्ते और इंजेक्शन, बुखार के लिए Tylenol। Mucinex या Mucinex DM ड्रेनेज के लिए ये खांसी में भी फायदा करती है।पैरों में दर्द हो तो Pepcid टेबलेट, ब्लड क्लॉट ना हो इसके लिए 1 एस्पिरिन। ब्लूबेरी, स्ट्रबेरी, केला, संतरा, शहद, चाय और 1 या दो चम्मच पीनट-बटर की स्मूदी लें। सुबह एक बार गरम पानी, गरम हल्का पौष्टिक खाना। इन सबके बावजूद डॉ की राय अवश्य लें। Post Views: 171