Uncategorised बिना टीकाकरण के मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा से रोकने का औचित्य बताए सरकार: अदालत 15th December 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उन लोगों पर शहर की उपनगरीय रेल सेवाओं का इस्तेमाल करने पर लेकर लगाए गए प्रतिबंध का औचित्य समझाएं, जिन्होंने अभी कोविड-19 रोधी टीका नहीं लगवाया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि लोकल ट्रेन से यात्रा के दौरान टीकाकरण करा चुके और टीकाकरण नहीं कराने वाले लोगों के बीच भेदभाव करने का औचित्य क्या है? अदालत ने लोकल ट्रेन से यात्रा के लिए पूर्ण टीकाकरण की अनिवार्यता संबंधी राज्य के आदेश के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य 21 दिसंबर तक शपथपत्र दाखिल करे। याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि केंद्र सरकार ने टीकाकरण को स्वैच्छिक बनाया है, महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण को अनिवार्य बनाकर इसके विपरीत कदम उठाया है और यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि इस प्रकार का प्रतिबंध नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल लोकल ट्रेन में यात्रा करने से रोका गया है। उन्हें अपने निजी वाहनों से यात्रा करने की अनुमति है, भले ही उनका टीकाकरण हुआ हो या नहीं। राज्य सरकार ने कहा कि कोविड-19 संबंधी प्रतिबंध नागरिकों के लिए असुविधा पैदा करने के मकसद से नहीं, बल्कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर उठाए गए हैं। हलांकि, उच्च न्यायालय इस मामले पर अब 22 दिसंबर को आगे सुनवाई करेगी। वहीँ महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 925 और मरीजों की पुष्टि हुई जिनमें से चार मामले ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के हैं तथा 10 संक्रमितों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने अपने बुलेटिन में बताया कि राज्य में कुल मामले 66,46,061 पहुंच गए हैं जबकि मृतक संख्या 1,41,298 हो गई है। Post Views: 293