ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- होठों को चूमना, प्यार से छूना, अप्राकृतिक यौन अपराध नहीं 15th May 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने यौन शोषण के एक मामले में कहा कि किसी को प्यार करना और किस करना अप्राकृतिक यौन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 साल के नाबालिग लड़के के मामले में दलील पर फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी को होंठों से किस करना, प्यार करना, भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अप्राकृतिक अपराध नहीं है। इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने 14 साल के लड़के के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी को जमानत दे दी। दरअसल, लड़का एक गेम खेलने जाता था तब आरोपी ने लड़के को किस किया और गुप्तांगों को टच किया। इसके बाद 14 के लड़के के पिता ने पुलिस से संपर्क कर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC ) की धारा 377 के तहत मामला दर्ज कराया था। क्या है पूरा मामला? 14 साल के लड़के के पिता ने यह मामला दर्ज कराया था। दरअसल, लड़के के पिता की अलमारी से कुछे पैसे गायब थे। पिता को 17 अप्रैल 2021 को पता चला। जब लड़के से पूछा तो पता चला कि वह ऑनलाइन गेम खेलने के लिए पैसे खर्च किए हैं। वहीं इस मामले में पिता के द्वारा और पूछताछ करने में पता चला कि जहां बच्चा गेम खेलने जाता था, वहां आरोपी ने लड़के को किस किया व उसके गुप्तांग को छूआ। इसके बाद लड़के के पिता ने पॉक्सो एक्ट व IPC की धारा 377 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा? बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने कहा कि वर्तमान मामले में अप्राकृतिक यौन अपराध लागू नहीं हो रहा है। पीड़ित के बयान व एफआईआर के मुताबिक, आरोपी ने पीड़ित के निजी अंगों को छुआ व ‘किस’ किया। मेरे विचार में यह धारा 377 के तहत प्रथम दृष्टया अपराध नहीं है। इसके बाद आरोपी को कोर्ट ने 30 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी जमानत का हकदार है। बता दे कि पॉक्सो एक्ट और IPC की धारा 377 लगने पर जमानत मिलना बहुत कठिन हो जाता है। इसमें आरोपी को आजीवन कारावास की अधिकतम सजा सुनाई जा सकती है। वहीं बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी, छेड़छाड़ के मामलों में पॉक्सो एक्ट लगाया जाता है। Post Views: 271