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Mumbai Crime: महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को भी बनाता था अपनी हवश का शिकार!

१२ साल के बच्चे से दुष्कर्म के बाद काटा प्राइवेट पार्ट, दिल्ली से हुआ गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस की गिरफ्त से फरार हुआ एक दरिंदा आखिरकार दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मामला वडाला के शांति नगर इलाके का है। यहां रहने वाले बेचई यादव का इकलौता १२ वर्षीय बेटा संदीप जो कि छठी कक्षा में पढ़ता था। २८ जनवरी २०२४ की रात करीब ८:३० बजे घर से बाहर गया और वापस घर नहीं लौटा। काफी खोजबीन के बाद जब संदीप का कहीं अता-पता नहीं चला तो उसके पिता वडाला टीटी पुलिस स्टेशन पहुंचे और बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसी बीच स्थानीय लोगों ने आरोपी को ढूंढ निकाला और उसे लेकर वडाला टीटी पुलिस थाने पहुंच गए लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी बाथरूम के रास्ते अचानक पुलिस स्टेशन से फरार हो गया।
इधर, जिगर के टुकड़े के गायब होने के बाद मां-बाप को अब भी उम्मीद की किरण दिखाई दे रही थी कि पुलिस मेरे बेटे को जरूर ढूढ़ निकालेगी, लेकिन ४ मार्च को संदीप के माता-पिता की जिंदगी में एक ऐसा तूफान आया, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। शादी के १४ साल बाद संदीप पैदा हुआ था और आज वो चिराग हमेशा के लिए बुझ गया था। पुलिस द्वारा उन्हें सूचना मिली कि वडाला की एक खाड़ी में क्षत-विक्षत अवस्था में उनके बेटे का शव बरामद किया गया है। पुलिस ने बच्चे के शरीर के दो हिस्से, धड़ से अलग किये गए सिर को जब्त कर लिया। पोस्टमार्टम में पता चला कि नृशंस हत्यारे ने बच्चे के साथ पहले कुकर्म किया और फिर उसका प्राइवेट पार्ट काटा, इतना ही नहीं बिपुल शिकारी नाम के नराधम ने मासूम की गला रेतकर उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। पुलिस ने खुलासा किया है कि बिपुल सेक्स एडिक्ट था जो महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को भी अपनी हवश का शिकार बनाता था। मुंबई और दिल्ली पुलिस ने जब शिकारी के बैकग्राउंड की गहराई से जांच की, तो पता चला कि वह एक कुख्यात बाल तस्कर है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह एक सजायाफ्ता अपराधी था। उसने अप्रैल २०१२ में, कोलकाता के दुर्गा चरण मित्रा स्ट्रीट पर एक लड़की की हत्या कर दी थी। जांच में खुलासा हुआ था कि शिकारी पीड़िता को मारने से पहले रेडलाइट एरिया सोनागाछी ले गया था। कोराना माहमारी में बिपुल शिकारी समेत अन्य अपराधियों को पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया गया था। जिसके बाद वह कभी जेल वापस नहीं लौटा। कानून से भागने की वजह से ३१ अगस्त २०२२ को अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसके बाद बिपुल ने पश्चिम बंगाल छोड़ दिया और मुंबई के वडाला में रहकर छोटे-मोटे काम किए। उसने एक संदिग्ध ट्रांसजेंडर के नेतृत्व वाले गिरोह के साथ मिलकर संदीप को किडनैप किया और और उसकी हत्या कर दी।

दिल्ली पुलिस के हत्थे ऐसे चढ़ा शिकारी
संदीप की हत्या के बाद शिकारी के लापता होने की तकनीकी जांच के दौरान मुंबई पुलिस को अपराधी के दिल्ली भाग जाने का शक हुआ। उसे एक बस में चढ़ते हुए देखा गया। पुलिस ने उसके रिश्तेदारों के फोन को ट्रेस किया, पुलिस को उम्मीद थी कि वह उनसे संपर्क जरूर करेगा। पुलिस की ये ट्रिक काम कर गई और शिकारी ने दिल्ली जाते समय अपनी मां को फोन करने के लिए किसी अन्य यात्री का फोन इस्तेमाल किया। जिसके बाद ही मुंबई पुलिस ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में अपनी टीम को अलर्ट कर दिया। गुरुवार तड़के मध्य दिल्ली के जीबी रोड पर अचानक पुलिस को बिपुल शिकारी के आने की खबर मिली तो वह सादी वर्दी में वहां पहुंच गई। डीसीपी हर्षवर्धन और सचिन शर्मा को इस बात की जानकारी दी गई। इस सब से अनजान शिकारी जैसे ही वहां के एक कोठे में घुसा और ३० मिनट बाद बाहर निकला तो पुलिस ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही उसे इस बात का एहसास हुआ, उसने भागना शुरू कर दिया, लेकिन आखिरकार वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बिपुल शिकारी मुंबई पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में शुमार था। इस तरह से शिकारी पुलिस के हत्थे चढ़ गया और मुंबई पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी गई। दिल्ली पुलिस ने पुलिसकर्मियों को पहले ही सतर्क कर दिया है कि वह अगर मुंबई जाते समय शौचालय जाने की बात भी कहे तो भी सतर्क रहें। फिलहाल, मुंबई पुलिस की एक टीम उसे हिरासत में लेकर दिल्ली से मुंबई आ चुकी है।