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…तो अब मंत्रालय में ‘पहचान प्रणाली’ से मिलेगा प्रवेश

मुंबई: मंत्रालय में विभिन्न कार्यों के लिए आने वाले नागरिकों को सुरक्षा जांच के लिए मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। मंत्रालय में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी हर दिन अपना पहचान पत्र दिखाकर प्रवेश पाना होता है। मंत्रालय की सुरक्षा प्रणाली पर दबाव कम करने के लिए प्रशासन ने अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली ‘फेशियल रिकनिशन सिस्टम’ स्थापित करने का काम किया है और न्यू ईयर से इसके आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। चेहरे की पहचान तकनीक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक है। इस तकनीक की मदद से सुरक्षा प्रणाली कम्प्यूटर पर किसी व्यक्ति का चेहरा देखकर ही उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकती है। इस तकनीक में एक उच्च-रिजॉल्यूशन वाला कैमरा किसी व्यक्ति के चेहरे की छवियां एकत्र करता है और चेहरे की विशिष्ट विशेषताओं की जांच करता है। इस डेटाबेस में जितनी अधिक छवियां होंगी, सिस्टम चेहरों
को पहचानने में उतना ही बेहतर प्रदर्शन करेगा। इस सिस्टम में जुटाए गए डेटाबेस के आधार पर चेहरे से संबंधित व्यक्ति की पहचान तय की जाती है। फिलहाल मंत्रालय में दस जगहों पर यह सिस्टम लगाया गया है। इसे मंत्रालय भवन में 40 अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किया जाएगा।

अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरों का भी डेटाबेस!
मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरों का भी डेटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। इस डेटाबेस के बनने के बाद नए साल में अधिकारियों और कर्मचारियों को इसी सिस्टम के जरिए मंत्रालय में प्रवेश दिया जाएगा और माना जा रहा है कि आने वाले सालों में मंत्रालय में आने वाले नागरिकों के लिए भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।