ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य …तो आतंकवादियों ने 1989 में ‘मातोश्री’ को बम से उड़ाने की योजना बनाई थी: नारायण राणे 16th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे की आत्मकथा सुर्खियां बटोर रही है। राणे के इस आत्मकथा का नाम है ‘नो होल्ड बार्ड–माय इयर्स इन पॉलिटिक्स’। यह आत्मकथा राणे ने प्रीतम गांधी मोदी नाम की लेखिका के साथ लिखी है। अपनी आत्मकथा में राणे ने शिवसेना, बीजेपी के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इन खुलासों के कारण महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ सकता है। राणे ने अपने आत्मकथा में कहा है कि जब वह शिवसेना में वापस जाना चाहते थे, तब उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को धमकी दी थी की वह अपनी पत्नी रश्मि के साथ मातोश्री छोड़कर चले जाएंगे। शिवसेना सुप्रीमो बाला साहब ठाकरे के साथ नारायण राणे (फाइल फोटो) शिवसेना के पूर्व सदस्य नारायण राणे ने दावा किया है कि आतंकवादियों ने 1989 में ठाकरे परिवार के आवास ‘मातोश्री’ को बम से उड़ाने की योजना बनाई थी जिसके चलते शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को सभी सदस्यों को कुछ दिनों के लिये किसी सुरक्षित स्थान पर रहने का निर्देश देना पड़ा था। भाजपा समर्थित राज्य सभा सदस्य राणे ने कहा कि उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार ने बाल ठाकरे के छोटे बेटे उद्धव को बुलाकर उन्हें इस खतरे के बारे में बताया था। उन्होंने यह दावा भी किया कि ठाकरे खालिस्तानियों के निशाने पर थे। गौरतलब है कि खालिस्तान आंदोलन के समर्थक मुम्बई समेत कई शहरों में मौजूद थे। राणे ने कहा कि 19 मार्च 1988 को बाल ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें उन्होंने एक प्रश्न सूची वितरित करते हुए शहर के सिख समुदाय के प्रमुख लोगों से आश्वासन मांगा था कि वह आंदोलनकारी गतिविधियों को वित्तीय मदद नहीं पहुंचा रहे हैं। उनके अनुसार ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में ऐलान किया था कि अगर सिखों ने चरमपंथियों को वित्तीय मदद पहुंचाना जारी रखा, तो वह शहर में उनका सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार सुनिश्चित करेंगे। राणे ने इन घटनाओं का जिक्र अपनी जीवनी ”नो होल्ड बार्ड: माय इयर्स इन पॉलिटिक्स” में किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना 1989 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हार गई थी और इस हार ने ठाकरे को बहुत अधिक असुरक्षित स्थिति में पहुंचा दिया था क्योंकि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था कांग्रेस के हाथों में थी। राणे ने लिखा है, “उन्होंने (ठाकरे) मातोश्री की सुरक्षा बढ़वाई और हर कोई हाई अलर्ट पर था। इस तनाव के बीच नवविवाहित उद्धवजी को मुख्यमंत्री पवार साहब की ओर से फोन आया। पवार ने उद्धव को तुरंत अपने पास पहुंचने को कहा। उन्होंने खासतौर पर उन्हें अकेले ही आने को कहा।” राणे ने लिखा कि पवार ने उद्धव को बताया कि उन्हें मातोश्री को बम से उड़ाने की योजना के बारे में विश्वसनीय सूचना मिली है और जिस आतंकवादी को इसे अंजाम देना है वह शहर में आ चुका है। राणे ने कहा कि पवार ने उद्धव को बताया कि उन्हें इस बात की चिंता है कि मातोश्री, राज्य के पुलिस बल और यहां तक कि गृह मंत्रालय के लोग भी इसमें शामिल हैं।” राणे ने किताब में दावा किया कि पवार साहब ने कहा कि सूचना के अनुसार इस वारदात को दो दिनों के भीतर अंजाम दिया जाना है। उन्होंने ठाकरे परिवार को पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की पेशकश की। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को परिवार के भीतर ही रहने दें। इसके बाद उद्धव ने इस बात की जानकारी अपने पिता को दी, जिन्होंने प्रत्येक सदस्य को कुछ दिन के लिये सुरक्षित घर ढूंढने और मातोश्री खाली करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगली सुबह ठाकरे अपनी पत्नी मीनाताई के साथ लोनावाला चले गए। Post Views: 185