दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य MNS चीफ राज ठाकरे ने EVM पर उठाए सवाल? बैलट पेपर से चुनाव में वोटिंग कराने की मांग की 9th July 20199th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this राज ठाकरे ने नयी दिल्ली में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर बैलट पेपर से चुनाव में वोटिंग कराने की मांग की। कहा- अगर मैच पहले से फिक्स है, तब तैयारियों की क्या जरूरत? मुंबई, लोकसभा चुनाव के बाद से ही ईवीएम पर मचा शोर-शराबा शांत होने के बाद अब एक बार फिर बैलट पेपर के जरिए चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ा है। महाराष्ट्र में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली एमएनएस ने यह मांग की है कि देश में आगामी वक्त में होने वाले चुनाव को ईवीएम की जगह अब बैलट पेपर से कराया जाए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि आने वाले राज्य चुनावों में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र का इस्तेमाल किया जाए। मुंबई में पार्टी के एक सहयोगी ने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर यह मांग की। बैठक के बाद राज ठाकरे ने मीडिया से कहा, चुनाव आयोग के अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं देखकर मैं यह कह सकता हूं कि वह इस तरह के एक गंभीर मुद्दे पर उदासीन लगे। हालांकि, मुझे उनसे शून्य उम्मीदें हैं। ठाकरे ने आरोप लगाया, पिछले लोकसभा (2019) चुनावों में 370 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले गए और वोटों की गिनती के आंकड़ों में गड़बड़ियां पाई गई हैं। अगर मैच पहले से फिक्स है तो…एमएनएस चीफ ने तंज कसते हुए कहा, अगर मैच पहले से फिक्स है, तब तैयारियों की क्या जरूरत है? ठाकरे ने बताया कि उन्होंने आयोग को एक मांगपत्र सौंपा है, जिसमें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान फिर मतपत्र से कराने की बात कही गई है। उन्होंने इस बात पर भी निशाना साधा कि पिछले 20 सालों से ईवीएम पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खुद 2014 तक ईवीएम के खिलाफ थी, उनके नेता इस मामले में अदालत तक गए थे ! चुनाव परिणामों में देरी कोई बड़ी बात नहीं… ठाकरे ने कहा, अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने इस बारे में बात तक करनी बंद कर दी है। इस सवाल पर कि यदि मतपत्र से चुनाव कराए जाते हैं तो परिणाम आने में देरी होगी, इस बात का बचाव करते हुए ठाकरे ने कहा कि भारत में चुनाव दो-तीन महीनों तक चलते हैं, यदि परिणामों की घोषणा में कुछ दिनों की देरी हो भी जाती है, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं। उन्होंने कहा कि 2018 में ही उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को देश में ईवीएम के विरोध में एकजुट होने के लिए कहा था और अपील की थी कि हमें मतपत्र को फिर से प्रयोग में लाना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि उस समय किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन शायद अब वे इस मुद्दे पर विचार करेंगे। Post Views: 132