दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य MLC चुनावः टेंशन में उद्धव, एक्शन में पवार…कैसे लगेगी नैया पार? 10th May 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this कांग्रेस ने दो सीटों पर उतारे उम्मीदवार, मुश्किल में ठाकरे ! मुंबई,(राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने दूसरे उम्मीदवार के भी नाम की घोषणा कर शिवसेना की टेंशन बढ़ा दी है। इसके बाद मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होना तय माना जा रहा है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी हैं। यदि 14 मई तक किसी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया तो मुकाबला होना तय है।इससे पहले कांग्रेस ने 21 मई को होने वाले चुनाव के लिए एक उम्मीदवार खड़ा करने का निर्णय लिया था। उस स्थिति में नौ सीटों के लिए नौ उम्मीदवार थे। लेकिन शनिवार शाम को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने ट्वीट किया कि पार्टी की तरफ से दूसरे उम्मीदवार बीड जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकिशोर को मैदान में उतार दिया है। इससे ठाकरे के निर्विरोध चुने जाने के रास्ते में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। राजकिशोर उर्फ पापा मोदी दूसरे उम्मीदवार होंगे। राजकिशोर के अलावा पहले प्रत्याशी प्रदेश कांग्रेस के सचिव राजेश राठौड़ दिल्ली से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राठौड़ जालना जिला परिषद के सभापति रह चुके हैं। हालांकि इससे पहले शनिवार को कांग्रेस की ओर से अधिकृत तौर पर प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश राठौड़ की उम्मीदवारी ही घोषित की गई थी। दरअसल, मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने के लिए सीएम ठाकरे को 27 मई तक प्रदेश के किसी भी एक सदन की सदस्यता हासिल करना संवैधानिक बाध्यता है अन्यथा उन्हें मुख्यमंत्री कुर्सी छोडने की नौबत भी आ सकती है।बता दें कि नौ सीटों के लिए 21 मई को महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए चुनाव होने जा रहा है। शिवसेना चाह रही थी कि मतदान की नौबत न आए। भाजपा के चार उम्मीदवार पहले ही नामांकन कर चुके हैं। कांग्रेस से उम्मीदवारी के लिए पूर्व मंत्री नसीम खान, अनिस अहमद, पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत और प्रदेश कांग्रेस कार्याध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेता इच्छुक थे। लेकिन पार्टी हाईकमान ने उन्हें दरकिनार करते हुए नए चेहरे को मौका दिया है। पंकजा मुंडे का ट्वीट– समर्थकों से कहा परेशान न होविधान परिषद चुनाव में भाजपा से उम्मीदवारी न मिलने दुखी पूर्वमंत्री पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे हतोत्साहित न हों। शनिवार को पंकजा ने ट्वीट किया कि वह आगामी विधान परिषद चुनाव के लिए पार्टी द्वारा नामित नहीं किए जाने से नाराज नहीं हैं। पंकजा मुंडे ने कहा कि हम दोनों एक-दूसरे के लिए हैं और साहेब (पिता गोपीनाथ मुंडे) का आशीर्वाद है। पंकजा मुंडे पिछले साल विधानसभा चुनावों में परली सीट से अपने चचरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से हार गई थीं। भाजपा की सूची में एनसीपी के पूर्व सांसद का भी नाम शामिलभाजपा द्वारा जारी की गई चार उम्मीदवारों की सूची में, प्रवीण दटके, गोपीचंद पडलकर, अजित गोपछडे और रंजीतसिंह मोहिते पाटिल शामिल हैं।यहां गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा उम्मीदवारों की सूची में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पूर्व सांसद रंजीतसिंह मोहिते पाटिल का नाम शामिल है। इन नामों को लेकर सभी लोग हैरान है। प्रदेश भाजपा सूत्रों ने कहा कि यह सूची शुक्रवार को दिल्ली से जारी की गई।वहीं, पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में शामिल होने वाले गोपीचंद पडलकर का नाम भी सूची में शामिल है। इस सूची में भाजपा नेता एकनाथ खडसे और पंकजा मुंडे को जगह नहीं मिल पाई, जबकि प्रवीण दतके और अजीत गोपछडे जैसे अपेक्षाकृत कम चर्चित चेहरों को जगह दी गई है। शरद पवार और शिवसेना नेता संजय राउत एक्शन मेंकांग्रेस द्वारा दो उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राकांपा मुखिया शरद पवार और शिवसेना नेता संजय राउत एक्शन में आ गये है। दरसअल पवार चाहते थे उद्धव ठाकरे निर्विरोध चुन लिए जाएँ। इस बीच कांग्रेस ने एक और टेंशन बढ़ा दी है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार देर रात उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी मिलिंद नार्वेकर ने रॉयल स्टोन जाकर कांग्रेस नेता बाळासाहेब थोरात से इस मुद्दे पर चर्चा की।वहीं शरद पवार और संजय राउत ने बाळासाहेब थोरात से फोन पर बात की और दुसरे उम्मीदवार का नाम पीछे लेने की विनती की है। 11 मई यानी कल है नामांकन का आखिरी दिनबता दें कि विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन भरने का आखिरी दिन 11 मई है। नामांकन की जांच 12 मई को होगी और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 14 मई है। विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को समाप्त होने के बाद नौ सीटें खाली हो गई थीं। 14 मई तक किसी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया तो मुकाबला होना तय है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण विधानसभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने होने की स्थिति में महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर ठाकरे को मनोनीत करने का भगत सिंह कोश्यारी से अनुरोध किया था।राज्यपाल कोश्यारी ने उद्धव को मनोनीत करने के बजाय चुनाव आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया। राज्यपाल के अनुरोध पर आयोग ने विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए चुनाव कराने का फैसला किया। Post Views: 217