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Mumbai: झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम करने जरुरत: जायसवाल

मुंबई: महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव जायसवाल ने अधिकारियों को झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के साथ संयुक्त साझेदारी में किए जा रहे १७ झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। यह जानकारी म्हाडा की एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। संजीव जायसवाल ने दोनों एजेंसियों को प्रयासों का समन्वय करने और झुग्गी निवासियों की पात्रता सत्यापन, प्रशासनिक अनुमोदन और निविदा प्रक्रिया पर तत्काल कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में रुकी हुई झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए, म्हाडा और एसआरए संयुक्त रूप से इन १७ परियोजनाओं के पुनर्विकास पर काम कर रहे हैं। ८ परियोजनाओं पर पहले ही झोपड़पट्टी पुनर्वास अधिनियम की धारा १३(२) के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मूल डेवलपर्स से वापस ले लिया गया है। इनमें गोरेगांव में १२, बांद्रा में २, कुर्ला में ५ और बोरीवली/दहिसर में २ परियोजनाएं शामिल हैं। वर्तमान में ५ और परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता आकलन चल रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये सभी परियोजनाएं म्हाडा के स्वामित्व वाली भूमि पर स्थित हैं। इन पुनर्विकास प्रयासों के माध्यम से, म्हाडा का लक्ष्य लगभग २५ हजार अतिरिक्त आवास इकाइयां उत्पन्न करना है। उन घरों की संख्या का आकलन करने के लिए एक समीक्षा भी की गई, जिन्हें हटाया जाएगा।
जायसवाल ने दोनों अधिकारियों को इन परियोजनाओं से अयोग्य झोपड़पट्टीवासियों को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। मालवणी मलाड परियोजना सबसे बड़ी पुनर्विकास परियोजना है, जिसमें १४ हजार झोपड़पट्टीवासी शामिल हैं, इसके अतिरिक्त पुनर्विकास प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए म्हाडा के स्वामित्व वाली भूमि पर रहने वाले झुग्गीवासियों का बायोमेट्रिक सर्वेक्षण करने के लिए एक संरचित समयसीमा निर्धारित की गई है।