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…अब नशे के खिलाफ छेड़ा अभियान, उत्कृष्ट कार्यों के चलते हो रही प्रशंसा!

राजेश जायसवाल / मुंबई 
मुंबई पुलिस की तुलना ऐसे ही ‘स्कॉटलैंड यार्ड’ से नहीं की जाती! इस महकमें में कई ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने समर्पण और अच्छे कामों की बदौलत अपना वहदा बढ़वाया है, अपने अदम्य साहस से अपराध को रोकने में अहम भूमिका निभाते हुए पुलिस बल की छवि को बेहतर बनाया है। ऐसे ही महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पारनेर तालुका स्थित वडज़िरे गांव के जांबाज बेटे और राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित पुलिस अधिकारी हैं- ”नवनाथ ठाकाजी ढवले”!

2015-17 के दरम्यान महाराष्ट्र का सबसे खतरनाक जिला कहे जाने वाले गढ़चिरौली पुलिस बल में उप-विभागीय पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत रहते हुए श्री ढवले ने कुख्यात नक्सली रजिता उसेंडी को मार गिराया था! उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए यह कारनामा किया था! इस उपलब्धि के सम्मान में उन्हें ‘राष्ट्रपति वीरता पदक’ प्रदान किया गया था।
रजिता उसेंडी के खिलाफ 139 से अधिक मामले दर्ज थे। उसे पकड़ने के लिए 16 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। ये मुठभेड़ लगातार बारह घंटे तक चली थी, जिसमें उसेंडी और उसके साथ छह वरिष्ठ नक्सलियों को मार गिराया गया था। इस दौरान उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कई अभियानों का सफलतापूर्वक संचालन किया था।

श्री ढवले ने गढ़चिरौली, करहद, चिपलुन में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में उल्लेखनीय कार्य किया। वह ठाणे जिले के शाहपुर के पुलिस उपाधीक्षक रहे। कोरोना काल के संकट में उनके द्वारा किये गये कार्य भी उल्लेखनीय रहे हैं। इस दौरान मुस्लिम बहुल इलाका भिवंडी में उन्होंने अपराधियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि शहर की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों के साथ सख्त सलूक किया जाएगा। शहर की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना मेरी प्राथमिकता है। भिवंडी शहर शांति, एकता, सद्भाव का प्रतीक है। अपराधियों को अपराध छोड़कर अच्छा जीवन गुजारना चाहिए। उन्होंने भिवंडी शहर सीमा की हद के विभिन्न पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत रहने वाले नामचीन बदमाशों की क्राइम फाइल देखकर उन्हें तड़ीपार करना शुरू कर दिया था।

नवनाथ ढवले वर्तमान में परिमंडल- 6 के पुलिस उपायुक्त रहकर मुंबई के पूर्वी उपनगर के मुस्लिम बहुल इलाके गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द देवनार, चुनाभट्टी और घाटकोपर से पिछले महीनों में पचासों बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कई घुसपैठिये विगत 10-15 वर्षों से मुंबई में रह रहे थे। डीसीपी ढवले इन दिनों नशे के खिलाफ स्थानीय नागरिकों को लेकर उनके साथ एक विशेष मुहिम भी चला रहे हैं। उनके द्वारा छेड़े गए इस अभियान को मुंबई पुलिस के साथ स्थानीय जनता और राजनेताओं से जबदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। इस कार्य के लिए उनकी जमकर सराहना की जा रही है।