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श्री तुलसी हिंदी माध्यमिक विद्यालय बना डिजिटल लर्निंग का मिशाल!

राज्यपाल अंकल को अपने बीच पाकर बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कान..

नेटवर्क महानगर/मुंबई
परेल स्थित श्री तुलसी हिंदी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा में नवाचार (इनोवेशन) की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। यहां शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने विद्यालय का दौरा कर स्मार्ट क्लासरूम, स्टेम लैब और आधुनिक स्वच्छता सुविधाओं का निरीक्षण किया। ये सभी सुविधाएं ‘युवा अनस्टॉपेबल’ एनजीओ की ओर से उपलब्ध कराई गई हैं।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत सरकारी और अनुदानित स्कूलों के आधुनिकीकरण का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल बोर्ड जितने जरूरी हैं, उतने ही जरूरी स्मार्ट और संवेदनशील शिक्षक भी हैं। अगर शिक्षक बदलाव के लिए तैयार नहीं होंगे, तो आधुनिक सुविधाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा।

बता दें कि ‘युवा अनस्टॉपेबल’ नामक गैर-सरकारी संस्था की पहल से देशभर में विद्यालयों के आधुनिकीकरण की मुहिम चलाई जा रही है। इसी योजना के अंतर्गत इस विद्यालय को स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक स्वच्छता सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ‘युवा अनस्टॉपेबल’ वंचित बच्चों को शिक्षा, स्वच्छता और पीने के पानी जैसी सुविधाएं मुहैया कराता है। इसकी स्थापना साल 2005 में अमिताभ शाह के नेतृत्व में हुई थी।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में कई परिवर्तनकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत रेलवे में बायो-टॉयलेट लगाए जाने से देश के रेलवे स्टेशन अब अधिक स्वच्छ हुए हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विद्यालयों में आधुनिक स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराते समय वहां पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। राज्यपाल ने इस दौरान विद्यार्थियों के संवादात्मक (इंटरएक्टिव) माध्यम से शिक्षा के लिए तैयार की गई विज्ञान-प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला का दौरा किया और विद्यालय में नव विकसित स्वच्छता सुविधाओं और स्मार्ट क्लासरूम का निरीक्षण किया।

बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कान!
निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने अपने स्नेहिल व्यवहार से बच्चों का दिल जीत लिया। स्कूल के माहौल में प्रवेश करते ही राज्यपाल बच्चों की दुनिया में रम गए। वह न केवल स्मार्ट क्लासरूम और सुविधाओं को देख रहे थे, बल्कि बच्चों से साथ संवाद भी साध रहे थे। उन्होंने बच्चों को अपने हाथों से चॉकलेट बांटनी शुरू कर दी। एक-एक कर जब उन्होंने बच्चों को चॉकलेट दी, तो वहां मौजूद हर किसी के चेहरे पर मुस्कान बिखर पड़ी। अपने बीच राज्यपाल ‘अंकल’ को पाकर बच्चों के चेहरों पर आश्चर्यजनक मुस्कान दिखाई दी। मीडिया से बातचीत करते हुए एक छात्रा ने कहा कि मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि राज्यपाल अंकल अपने साथ में चॉकलेट लाए थे। बच्चों की आंखों में दिख रही चमक सिर्फ चॉकलेट की खुशी नहीं थी, बल्कि यह उस आत्मीयता और अपनापन की चमक थी, जो शायद ही कोई उच्च पद पर बैठा व्यक्ति इतने सहज रूप से दे पाता।

आत्मीय मुलाकात, जो बच्चों की यादों में हमेशा रहेगी
‘अपना पूर्वांचल महासभा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षा के इस डिजिटल युग में जहां तकनीक आगे बढ़ रही है, वहीं एक राज्यपाल का इस तरह से बच्चों से मिलना, उनकी दुनिया में शामिल होना और उन्हें अपना बना लेना, यह दिखाता है कि नेतृत्व केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि भावनाओं और जुड़ाव से भी होता है।
स्कूल के प्रिंसिपल अमित सिंह ने कहा कि बच्चों ने सिर्फ एक राज्यपाल को नहीं देखा, उन्होंने एक मार्गदर्शक, एक शुभचिंतक और एक दयालु इंसान को देखा।

इस अवसर पर स्कूल के ट्रस्टी नवीन कुमार पांडेय, युवा अनस्टॉपेबल एनजीओ के संस्थापक अमिताभ शाह, नुसरत पठान, लेखक अमीश त्रिपाठी, प्रिंसिपल अमित सिंह, संजीव तिवारी, अमित गुप्ता और कॉर्पोरेट जगत के कई प्रमुख दिग्गज और छात्र उपस्थित थे।