उत्तर प्रदेशशहर और राज्य UP: कुमार विश्वास ने BHU के मंच से राहुल गांधी के लिए क्यों कहा- इस अधूरी कहानी का क्या फायदा… 7th February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this वाराणसी: जख्म इतने मिले फिर सिले ही नहीं, दीप ऐसे बुझे की जले ही नहीं नहीं, व्यर्थ किस्मत पर रोने से क्या फायदा, समझ लेना कि हम तुम मिले ही नहीं। हवा का काम है चलना, दिए का काम है जलना, वो अपना काम करती है मैं अपना काम करता हूं। किसी के दिल की मायूसी जहां से होके गुजरी है।तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है, तुम्हारी सो के गुजरी है, हमारी रो के गुजरी है। ये कविताएं प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने गुरुवार को बीएचयू के बरकछा स्थित राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में आयोजित अंतर संकाय युवा महोत्सव के दौरान गुनगुनाई तो युवा मन अधीर हो उठा।कवि कुमार ने अपनी कविताओं के बहाने राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष किया। राहुल गांधी के लिए कहा कि इस अधूरी कहानी का क्या फायदा। नरेंद्र मोदी के लिए कहा जिसमें धुलकर नजर भी न पावन बने, आंख में ऐसे पानी का क्या फायदा। फिर अरविंद केजरीवाल के लिए कहा कि बिन कथानक कहानी का क्या फायदा। कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया, अपना वाला बोलकर कटाक्ष किया। इससे पहले मंच पर मुख्य अतिथि डॉ. कुमार विश्वास ने महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर मार्ल्यापण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ. विश्वास ने अपनी प्रसिद्ध कविता कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है, पर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है गाकर युवाओं को झुमने पर मजबूर कर दिया।लोग कोई दीवाना कहता है पूरी कविता को बार-बार गुनगुनाने की फरमाईश करने लगे। इस बीच कुमार ने छात्रों की फरमाईश पर गया पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। बताया कि पहली बार उन्होंने इक पगली लड़की के लिए बीएचयू आईआईटी में गाया था। जिसके बाद इस कविता को प्रसिद्धी मिली। इस कविता पर युवाओं का जोश और बढ़ गया। दर्शक दीर्घा में रोशनी की कमी होने पर कटाक्ष किया कि देश की तरह आप भी अंधेरे में है। इसके बाद जख्म भर जाएंगे तो मिलो तो सही, मै भी सपने में आने लगूं। सिर्फ सांसो की गुफ्तगू है।चांदनी नूर बरसा रही है। है नमन उनको जो देश को अमरत्व देकर गए से शहीदों को याद किया। लगभग दो घंटे के कार्यक्रम में डा. कुमार विश्वास ने युवाओं को इश्क की कविताओं से झुमाया तो देशभक्ति कविताओं से देशभक्ति का पाठ भी पढ़ाया। मां विंध्यवासिनी को नमन और आचार्य शुक्ल को किया यादकुमार विश्वास ने मिर्जापुर में पहली बार कविता पाठ करते हुए मां विंध्यवासिनी को नमन किया। कहा इस पर्वत से होकर हमारे आदर्श भगवान श्रीराम गुजरे हैं। ये आचार्य रामचंद्र शुक्ल की धरती है। कोई दीवाना कहता है गाकर आचार्य प्रभारी ने किया स्वागतकार्यक्रम का शुभारंभ होने पर आचार्य प्रभारी प्रो. रमादेवी निम्मानापल्ली ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है गाकर डॉ. कुमार विश्वास का स्वागत किया। अध्यक्षयीय उद्बोधन रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला ने किया। मंच पर डॉ. आरएस मिश्रा, लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर कौस्तुव चटर्जी, नवीन कुमार, कृष्णकांत आदि रहे। Post Views: 242