Uncategorised अंतरिक्ष में एक कदम और आगे बढ़ा चंद्रयान-2, चौथी कक्षा में किया प्रवेश 2nd August 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this बेंगलुरु, चंद्रमा के मिशन पर गए चंद्रयान-2 ने सफलता की एक सीढ़ी और चढ़ ली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-2 शुक्रवार को धरती की चौथी कक्षा में प्रवेश कर गया। बता दें कि इसरो का सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-III (थ्री) एम1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को लेकर रवाना हुआ था।इसरो ने बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘रोवर’ उतारने के इरादे से भेजा गया भारत का दूसरा चंद्र मिशन शुक्रवार को चौथी ऑर्बिट में प्रवेश कर गया। वहीं चार दिन बाद 6 अगस्त को यान आखिरी कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-2 को योजना अनुसार तीसरी बार सोमवार 29 जुलाई को दोपहर तीन बजकर 12 मिनट पर कक्षा में सफलतापूर्वक और ऊंचाई पर पहुंचा दिया गया। इससे पहले 24 और 26 जुलाई को पहली और दूसरी कक्षा में परिवर्तन कराया गया था।अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक चंद्रमा के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान की गति धीमी करने में किया जाएगा, जिससे यह चंद्रमा की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके। इसके बाद चंद्रमा की सतह से 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर चंद्रयान-2 को पहुंचाया जाएगा। फिर लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर 100 किमीX30 किमी की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया में जुट जाएगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) की अवधि तक प्रयोग करेगा। लैंडर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस है। ऑर्बिटर अपने मिशन पर एक वर्ष की अवधि तक रहेगा। #Chandrayaan2Today marks the successful completion of the fourth orbit raising maneuver. The last Earth bound maneuver is planned on August 6, 2019#ISRO pic.twitter.com/45jy83UCrP— ISRO (@isro) August 2, 2019 Post Views: 270