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अनिल देशमुख ने किया चौकाने वाला खुलासा- बोले- जेल में मिला था ऑफर! स्वीकार कर लेता तो MVA के नेतृत्व वाली सरकार ढाई साल पहले ही गिर जाती

नागपुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जमानत पर जेल से रिहा होने के 15 महीनों के बाद अपने गृह नगर नागपुर पहुंचे।
इस दौरान अनिल देशमुख ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने दावा किया कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाकर फंसाया गया और जेल भेजा गया था। नागपुर पहुंचने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने नागपुर एयरपोर्ट पर अनिल देशमुख का जोरदार स्वागत किया।
रविवार को एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा, मुझे 100 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाकर जेल भेजा गया था। इसे बाद में चार्जशीट में 1.71 करोड़ रुपये कर दिया गया, जांच एजेंसियां 1.71 करोड़ रुपये के लिए भी सबूत इकट्ठा करने में नाकाम रही।

हाईकोर्ट को मामले में नहीं दिखा दम
देशमुख ने दावा किया कि हाईकोर्ट ने पाया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जो मामले दर्ज किए हैं, उनमें कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भी देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन वो आरोपों की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए।

जेल में मिला था ऑफर!
एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने सम्मेलन में हैरान करने वाला खुलासा भी किया। उन्होंने कहा, जब मैं जेल में बंद था तो मेरे पास ऑफर आया था, जिसे मैंने ठुकरा दिया। अगर मैं उस ऑफर को स्वीकार कर लेता तो महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार ढाई साल पहले ही गिर गई होती, लेकिन मैं न्याय में विश्वास करता हूं, इसलिए मैंने रिहा होने का इंतजार किया।

2021 में हुई थी देखमुख की गिरफ्तारी
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख को नवंबर, 2021 में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, उन पर आरोप था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आदेश दिया था। साथ ही, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की एक चिट्ठी ने और भी कई बड़े सवाल खड़े कर दिए थे।अनिल देशमुख की गिरफ्तारी का समय एनसीपी पार्टी के लिए बहुत ही मुश्किल भरा था, क्योंकि उस दौरान पार्टी को कई ऐसे सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे, जिसके लिए वो तैयार नहीं थे।