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आर्मी चीफ ने ली दीक्षा, दक्षिणा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मांग लिया PoK

नेटवर्क महानगर / चित्रकूट
चित्रकूट की पावन धरती पर भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Army Chief General Upendra Dwivedi) की आध्यात्मिक यात्रा ने एक नई दिशा दी है। बुधवार (28 मई) को पवित्र नगरी के अपने दौरे के दौरान उन्होंने न सिर्फ श्री तुलसीपीठ में जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) से दीक्षा प्राप्त की, बल्कि दिव्यांग छात्रों और चिकित्सकों से मुलाकात भी की। इस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने गुरु दक्षिणा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की मांग कर सभी को चौंका दिया! सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी अपनी पत्नी सुनीता द्विवेदी के साथ भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचे थे।

इस मौके पर सेना प्रमुख ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य को भारतीय सेना का प्रतीक चिह्न भी भेंट किया। इस भावुक पल में जगद्गुरु ने अपनी दक्षिणा के रूप में एक अनोखी इच्छा जाहिर की। उन्होंने सेना प्रमुख से कहा कि मेरी दक्षिणा यही है कि मैं पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) को भारत का हिस्सा बनते देखूं और वह भी जनरल द्विवेदी के कार्यकाल में। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान कामतानाथ कृपा करें कि देश की यह कामना जल्द पूरी हो। इस पर सेना प्रमुख ने जगद्गुरु को ”पीओके” देने का आश्वासन दिया है।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि विजयी सेना प्रमुख का सम्मान करने में मुझे भी बहुत गौरव की अनुभूति हुई। उन्होंने मुझसे उसी मंत्र की दीक्षा ली, जो मंत्र सीता जी ने हनुमान जी को लंका की विजय के लिए दिया था। मैंने उनसे पीओके की दक्षिणा मांगी तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही आपको दक्षिणा मिलेगी। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि पाकिस्तान को क्या संदेश दूं…पाकिस्तान नक्शे से मिट जाएगा।

तुलसी प्रज्ञाचक्षु विद्यालय के छात्रों से की मुलाकात
इस दौरान जनरल द्विवेदी ने दिव्यांग विश्वविद्यालय और तुलसी प्रज्ञाचक्षु विद्यालय के छात्रों से भी मुलाकात की। उन्होंने छात्रों को उपहार और किट बांटी और भारतीय सेना की उपलब्धियों, खासकर ”ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता साझा की। उन्होंने कहा, युद्ध में जीत के लिए शस्त्र के साथ-साथ शास्त्र भी जरूरी है। उन्होंने खुद को शस्त्र और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को शास्त्र बताया। सेना प्रमुख ने कांच मंदिर में दिव्यांग छात्रों को संबोधित भी किया।

”ऑपरेशन सिंदूर” पर सेना प्रमुख ने किया बड़ा खुलासा
भारतीय सेना प्रमुख ने खुलासा करते हुए कहा कि यह ऑपेरशन सिर्फ 5 दिन का टेस्ट मैच था। जिसे सेना ने 4 दिनों में ही जीत लिया। इसमें सबसे खास बात यह रही कि इस दौरान किसी भी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य आतंकी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना था। इस बार की जीत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सबसे अहम रहा।
गौरतलब है कि 6 मई 2025 को ”ऑपरेशन सिंदूर” में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर उसके कई आंतकी ठिकानों को नेस्तानाबूत कर दिया था। इस सैन्य कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे।

सेना प्रमुख के आगमन पर पुख्ता इंतजाम
सेना प्रमुख के आगमन पर चित्रकूट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। वह सुबह करीब 9 बजे सेना के हेलीकॉप्टर से आरोग्यधाम हेलीपैड पर उतरे, जहां से सीधे श्री तुलसीपीठ पहुंचे। वहां तुलसीपीठ सेवा न्यास के अध्यक्ष, दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति और आचार्य रामचंद्र दास ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। चित्रकूट स्थित श्री तुलसीपीठ भारत के प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। इसकी स्थापना स्वामी रामभद्राचार्य ने की थी, जो न सिर्फ एक धार्मिक गुरु हैं बल्कि साहित्य, दर्शन और दिव्यांग शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने अतुलनीय कार्य किया हैं।

रामभद्राचार्य ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
इस मौके पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेना के ”ऑपरेशन सिंदूर” ने भारत को दुनिया में एक नया स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री और वायुसेना प्रमुख ने रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से ऑपरेशन की गहराई को समझाया है, जिससे स्पष्ट है कि रामचरितमानस आम जनता की भावना का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि रामचरितमानस को ‘राष्ट्रीय ग्रंथ’ घोषित किया जाए।