चुनावी हलचलदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य ईवीएम को लेकर शरद पवार का सनसनीखेज खुलासा… 10th May 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this घड़ी का बटन दबाया पर वोट गया ‘कमल’ को…! मेरे सामने किसी ने हैदराबाद और गुजरात की वोटिंग मशीनें रखीं और मुझसे बटन दबाने को कहा गया। मैंने अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न घड़ी के सामने वाला बटन दबाया, लेकिन वोट बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल पर गया। यह मैंने अपनी आंखों से देखा है… शरद पवार मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया व महाराष्ट्र के मराठा छत्रप शरद पवार ने ईवीएम को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। सातारा में मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ नेता पवार ने कहा कि उन्होंने खुद इस बात का अनुभव लिया है कि वोटिंग मशीन का कोई भी बटन दबाओ, वोट बीजेपी को ही जा रहा था। इसीलिए मैं ईवीएम के चुनाव परिणामों पर चिंता व्यक्त कर रहा हूं। यही नहीं पवार ने कहा, मेरे सामने किसी ने हैदराबाद और गुजरात की वोटिंग मशीनें रखीं और मुझसे बटन दबाने को कहा गया। मैंने अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न घड़ी के सामने वाला बटन दबाया, लेकिन वोट बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल पर गया। यह मैंने अपनी आंखों से देखा है।पवार ने कहा कि यह मेरा स्वयं का अनुभव है, इसलिए ईवीएम के बारे में चिंता व्यक्त कर रहा हूं। साथ ही पवार ने यह भी कहा कि हो सकता है, सभी मशीनों में ऐसा न होता हो, लेकिन जो मैंने देखा वह चिंताजनक है। इसीलिए हम न्याय मांगने कोर्ट गए, लेकिन दुर्भाग्य से कोर्ट ने हमारी बात नहीं सुनी। हमने अदालत से 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पेपर स्लिप की गिनती करने की मांग की थी। पवार ने कहा कि इस चुनाव से पहले तक वोटिंग की सभी वीवीपैट स्लिपों की गिनती होती थी। पहले की स्लिप आकार में भी बड़ी थीं।EVM हैकिंग के दावे…केंद्रीय चुनाव आयोग वोटिंग मशीनों के फुल प्रूफ होने का दावा करता है, लेकिन मशीनों के हैक होने की आशंकाएं बीच-बीच में सामने आती रहती हैं। हाल ही में अमेरिका स्थित एक हैकर ने दावा किया कि साल 2014 के चुनाव में मशीनों को हैक किया गया था। इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी। आठ साल पहले भी अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिकों ने दिखाया था कि मोबाइल से संदेश भेजकर वोटिंग मशीन के नतीजे बदले जा सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ऐसे सभी दावे खारिज करता रहा है। EVM समर्थन और विरोध… बीजेपी इन दिनों वोटिंग मशीनों की सबसे बड़ी समर्थक हैं, क्योंकि नतीजे उसके पक्ष में जा रहे हैं, लेकिन ईवीएम का विरोध करने वाली सबसे पहली राजनीतिक पार्टी भी वही थी। 2009 के चुनाव में जब भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, तब लालकृष्ण आडवाणी ने सबसे पहले ईवीएम पर सवाल उठाए थे। Post Views: 195