ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य ऊर्जा मंत्री से कांग्रेस नेता की मांग, शिविर लगाकर किया जाये लोगों का समाधान… 23rd July 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: कोरोना संकट के इस दौर में बिजली की बढ़ी बिलों ने जहां मुंबईकरों के रात की नींद हराम कर दी है, वहीं सरकार के पसीने छूट रहे हैं। बुधवार को ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत ने फिर आश्वासन दिया कि जितना बिजली का उपयोग होगा, उतना ही भुगतान लोगों को करना होगा, वह भी किस्तों में भरने की छूट दी है। उन्होंने आम आदमी को रीलिफ देने का भरोसा दिलाया। बिजली बिल संकट: लॉकडाउन में कमाई नहीं तो बिल कहां से भरे जनता? बुधवार को ‘मुंबई युवक कांग्रेस’ के अध्यक्ष गणेश कुमार यादव की पहल पर ऊर्जा मंत्री ‘बेस्ट’, अदानी सहित राज्य की बिजली कंपनियों की एक बैठक बुलाई। बैठक में गणेश यादव ने मार्च, अप्रैल और मई में भेजे गए बिलों पर आपत्ति जताई। उन्होंने शिविर लगाकर लोगों का समाधान करने की मांग की। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सुझाव दिया कि वील चार्ज, फिक्स चार्ज और क्यारी चार्ज से तीन महीने के बिल में राहत दी जाए। कैपेक्स की लागत कम करने से अगले साल बिल कम हो जाएगा। पहले, अदानी प्रति वर्ष 400 करोड़ रुपये खर्च कर रहे थे और अब 1,200 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। आखिर यह भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया कि वील चार्ज, फिक्स चार्ज और क्यारी चार्ज नहीं वसूलने के लिए महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग से बात करेंगे। जितना ज्यादा रीलिफ संभव है, उतना दिलाने की कोशिश करेंगे। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत को पत्र सौंपते हुए कांग्रेस नेता गणेश कुमार यादव साथ में कचरू यादव, अनिल गलगली आदि कमाई नहीं तो बिल कहां से भरे?बता दें कि बिजली की बढ़ी बिलों को लेकर महाराष्ट्र भर के उपभोक्ताओं में सरकार के प्रति काफी गुस्सा है। सरकार को लगातार शिकायतें भी मिल रही है। बिलों को लेकर भाजपा ने प्रदेश में आंदोलन भी किया है। मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने ऊर्जा मंत्री नितिन राउत को पत्र लिखकर पिछले तीन महीने का घरेलू उपभोक्ताओं के बिल माफ करने की मांग की। लॉकडाउन के दौरान लोगों का कारोबार पूरी तरह ठप रहा, उनकी कमाई नहीं हुई। आम आदमी को परिवार का खर्च चलाना भी भारी पड़ रहा है। ऐसे में, वे बिजली के बिलों का भुगतान कहां से करें! सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया है, तो राज्य सरकार बिजली के बिलों में आम आदमी को राहत क्यों नहीं दे सकती। Post Views: 198