दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रशहर और राज्य किसान संगठनों का ऐलान-14 दिसंबर को करेंगे भूख हड़ताल, रविवार को राजस्थान बॉर्डर से निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च 12th December 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का आज 17वां दिन है. छह दौर की वार्ता के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने पर मांग पर अड़े हुए हैं. नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 15 दिनों से दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हजारों किसानों ने अब अपना आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. शनिवार शाम पत्रकार परिषद् में किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने 14 दिसंबर को भूख हड़ताल की घोषणा की है. कल दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे किसानपन्नू ने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 स्थल पर चल रहा है. रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे.14 दिसंबर को किसान सारे देश के डीसी ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अपनी माताओंं-बहनों को भी आंदोलन में बुला रहे हैं. उनके लिए यहां रुकने की सभी व्यवस्था की जा रही है. मामला अटकाने से आंदोलन कमजोर नहीं होगाकिसान नेता ने कहा कि सरकार सोचती है कि मामला लटका दिया जाए तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. लेकिन उनकी ये गलतफहमी है. हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा. हम आंदोलन को कानून रद्द होने तक जारी रखेंगे. गांव से लोग चल पड़े हैं. हम आंदोलन को और बड़ा करेंगे. सरकार भले ही फूट डालने की कोशिश करती रहे. बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दे. लेकिन हम उसे तोड़ देंगे. किसान कानून को रद्द कराकर रहेंगे. कानून रद्द करना होगा, संसोधन मंजूर नहींहमने सरकार से साफ कह दिया है. कानून रद्द कर होगा. संसोधन मंजूर नहीं. सरकार यही कहती रही कि ये कानून किसान की भलाई के लिए है. लेकिन असल में ये कानून ट्रेडर, कॉर्पोरेट घरानों के लिए बनाए गए हैं. कृषि मंत्री बैठक में मान रहे हैं कि कमियां हैं. जबकि मीडिया में बयान देते हैं कि किसानों को ब्रह्म हो गया है. इस दोहरे चेहरे के बाद सरकार संसोधन करने की बात करते है. लेकिन हमे संसोधन मंजूर नहीं है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराना चाहते हैं. Post Views: 203