मुंबई शहरलाइफ स्टाइल क्या सेनेटरी पैड और टैम्पोन की होती है एक्सपायरी डेट, जानें- सेहत के लिए है कितना खतरनाक? 25th September 2024 networkmahanagar 🔊 Listen to this पीरियड्स के दौरान लड़कियों और महिलाओं के लिए हर चीज का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है. ऐसे में आपके लिए डाइट से लेकर हाइजीन तक हर चीज पर फोकस करने की जरूरत होती है. ये एक ऐसा वक्त होता है, जब पेट दर्द, ऐंठन के साथ-साथ अपने कपड़ों पर भी ध्यान देना पड़ता है. हर वक्त टेंशन रहती है कि कहीं कपड़ों में कोई दाग तो नहीं लगा है. पीरियड्स में अधिकतर महिलाएं पैड का इस्तेमाल करती है. वहीं इन दिनों पीरियड्स में होने वाले टैम्पोन भी काफी ज्यादा चल रहे है. वहीं काफी सारी महिलाएं ऐसी होती है. जो कि अपने घर के राशन में ही पैड को मंगवा लेती है. पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपने रोज के काम को आत्मविश्वास के साथ करने से लेकर सेहत को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेनेटरी पैड और टैम्पोन का इस्तेमाल करती है. पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले पैड्स, रक्त के भारी प्रवाह को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं और इसलिए महिलाएं पहले से ही अपने घर के राशन की तरह इन्हें भी ज्यादा मात्रा में खरीदकर स्टॉक में रख लेती हैं.लेकिन क्या वाकई मुश्किल दिनों में काम आने वाले ये सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं या नहीं? क्या पैड और टैम्पोन की भी कोई एक्सपायरी डेट होती है? आइए- जानते हैं… पैकेट के पीछे की डेट चेक करें ज्यादातर मामलों में सेनेटरी पैड का इस्तेमाल सेहत के लिए सुरक्षित माना गया है. इसके बावजूद भी कई स्टडी में सामने आया है कि पैड और टैम्पोन भी एक्सपायर होते है. सैनिटरी पैड के पैकेट पर आमतौर पर उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखी हुई होती है. बाजार से सैनिटरी पैड खरीदते या उसका उपयोग करते समय पैकेजिंग पर एक्सपायरी डेट को एक बार अवश्य चेक कर लें. इतने टाइम बाद ना करें टैम्पोन और कप सेनेटरी पैड और टैम्पोन की एक्सपायरी डेट अधिकतर पांच साल होती है जबकि मैन्सट्रुअल कप कई सालों तक चल सकते हैं. लेकिन कप को हर 1 या 2 साल में बदलने की सलाह दी जाती है. खासकर तब अगर उसमें कोई छेद या दरार हो. सेहत के लिहाज से पुराने पीरियड उत्पादों का उपयोग करने से बचना चाहिए. इन चीजों से बनते हैं पैड ज्यादातर लोगों को लगता है कि जो पैड में सफेद चीज होती है, वो साफ होती है. अधिकांश लोग मानते हैं कि जो सफेद है, वो साफ है. लेकिन आपको बता दें, सैनिटरी पैड को ब्लीच से चमकदार और सफेद बनाया जाता है. ब्लीच करने के लिए डाइऑक्सिन नाम के रसायन का यूज किया जाता है. जो लिवर की सेहत खराब करने से लेकर त्वचा को काला,पेल्विक की सूजन, हार्मोनल शिथिलता, मधुमेह और ओवरी के कैंसर और इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है. एक्सपायर्ड पैड और टैम्पोन से क्या खतरे? अगर आप एक्सपायरी पैड या फिर टैम्पोन का इस्तेमाल करते हैं, तो ओवरी में कैंसर, बांझपन, हार्मोनल शिथिलता, चकत्ते, योनि में एलर्जी, पेल्विक एरिया में सूजन, थायराइड की खराबी, एंडोमेट्रियम से संबंधित बीमारियां होती है. इन बातों का रखें ध्यान 1. पीरियड्स के दौरान प्राइवेट पार्ट को सूखा रखें. अपना पैड हर 4-5 घंटे में बदलें. 2. अंडरवियर को नियमित रूप से साफ करें. अंडरवियर को धोकर धूप में सुखाएं. 3. यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए पीरियड्स के दौरान पर्याप्त पानी पिएं. Post Views: 66