ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीति जिंतूर की रैली में भाजपा पर बरसे शरद पवार, बोले- विपक्ष के खिलाफ किया जा रहा सत्ता का दुरुपयोग! 9th November 2024 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण देना और सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना मोदी सरकार का एकमात्र एजेंडा है. छत्रपति संभाजीनगर से करीब 200 किलोमीटर दूर परभणी के जिंतूर में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अपने इस दावे के लिए राज्य के मंत्री छगन भुजबल के कथित बयान का हवाला दिया. भुजबल जो कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा का हिस्सा हैं. शरद पवार ने दावा किया कि छगन भुजबल से जब पूछा गया कि वह सत्ताधारी महायुति में क्यों शामिल हुए, तो उन्होंने दावा किया कि वे जेल नहीं जाना चाहते थे. अगर हमें जेल नहीं जाना है तो हमें मोदी से जुड़ना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई मंत्री ऐसा कह रहा है तो इससे साफ है कि सत्ता का दुरुपयोग विपक्ष के खिलाफ किया जा रहा है. विपक्षी दलों काम न करने देने के लिए फर्जी आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. वरिष्ठ एनसीपी नेता पवार ने आरोप लगाया कि मोदी और उनकी टीम का एकमात्र एजेंडा भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को संरक्षण देना और सत्ता के लिए उनसे हाथ मिलाना है. दूसरी ओर भुजबल ने इस बात से इनकार किया कि वह ईडी की जांच से बचने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कुछ स्वीकार नहीं किया है. भुजबल वर्तमान में अजित पवार गुट का हिस्सा हैं. वो पिछले साल जुलाई में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हुए थे. जिसके कारण शरद पवार की एनसीपी में फूट पैदा हुई थी और पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी. किसानों को अब नहीं मिल रहा फसलों का उचित दाम! पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में इससे पहले की कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने किसानों के 70 हजार करोड़ रुपए कर्ज माफ किए थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि सोयाबीन और कपास की फसलों के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं. इसकी वजह से राज्य के किसान संकट में हैं. अब मोदी सरकार ने चीनी निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है, जो उसकी किसान विरोधी नीति का हिस्सा है. अगर हमें इस फैसले का विरोध करना है तो हमें सत्ता में बैठे लोगों को हराना होगा. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ गई हैं, बदलापुर की घटना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. जब महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता और न ही वे सुरक्षित हैं तो मौजूदा सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. Post Views: 14