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जो इमारत ही अवैध, वहां पढ़ने वाले बच्चे कैसे सिखेंगे नैतिकता-हाईकोर्ट

मुंबई, जिस शैक्षणिक संस्थान की इमारत ही अवैध है, वहां पढ़ने वाले बच्चों में कौन से सिद्धांत व नैतिक मूल्य पैदा किए जाएंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए ठाणे के कल्याण इलाके में अवैध रुप से बनी विश्वास विद्यालय न्यू इग्लिश स्कूल की इमारत को गिराने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने स्कूल के निदेशक बलाराम जाधव की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह निर्देश दिया है। स्कूल की इमारत को गिराने को लेकर कल्याण डोबिवली महानगर पालिका ने 12 सितंबर 2018 व 9 अगस्त 2019 को आदेश जारी किया था। जिसके खिलाफ कदम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद पाया कि स्कूल के निर्माण को लेकर महानगरपालिका से कोई अनुमति नहीं ली गई। स्कूल के पास न तो निर्माण कार्य को लेकर कोई मंजूर नक्शा है और न ही कब्जा प्रमाणपत्र (ओसी) है। स्कूल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आरएस कदम ने दावा किया कि जिस भूखंड पर स्कूल का निर्माण किया गया है वह भूखंड महानगर के विकास प्रारुप में स्कूल के लिए आरक्षित थी। लिहाजा ऐसी आरक्षित जगह पर निर्माण करने के लिए किसी अनुमति की जरुरत नहीं है। इस धारणा के चलते मेरे मुवक्किल ने निर्माण कार्य को लेकर कोई अनुमति नहीं ली है। इस तर्क को अस्वीकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि कानून में ऐसी किसी धारणा को जगह नहीं दी गई है। नियमों के अनुसार निर्माण कार्य के लिए अनुमति लेनी थी जो नहीं ली गई है। इसलिए हम ऐसे निर्माण कार्य को लेकर नरमी नहीं दिखा सकते। अवैध निर्माण कोई अनियमितता नहीं है, जिसे ठीक किया जा सके। कानून में जो अवैध है वह अवैध है। खंडपीठ ने स्कूल में पढ रहे बच्चों की परेशानी के आधार पर भी स्कूल के प्रति नरमी दिखाने से इंकार कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि यह आश्चर्यपूर्ण है कि इस अवैध रुप से बने विद्यालय में बच्चों में कौन से सिध्दांत व नैतिक मूल्य पैदा किए जाएंगे। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और मनपा को स्कूल को गिराने का निर्देश दिया है।