पुणेमहाराष्ट्रशहर और राज्य दिन में 6 घंटे भक्तिभाव और रात में करता था चोरी..! 10th February 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this पुणे, महाराष्ट्र के पुणे में हड़पसर और मुंढवा इलाके में लगातार हो रही चोरियों से पुलिस परेशान थी। समझ नहीं आ रहा था कि आखिर चोरी कौन कर रहा है? क्योंकि सभी शातिर तो निगरानी में थे। जब भी इलाके में कोई वारदात होती, तो पुलिस को दो छात्र दिखाई देते। सागर भालेराव और स्वप्निल गिरमे। लेकिन उन पर शक करने का कोई कारण नहीं था। दोनों यहां के प्रतिष्ठित संस्कार शिविर के छात्र थे। हालांकि, लगातार हो रही चोरियों के समय वे इलाके में दिखने लगे तो पुलिस को उनकी हरकतें संदिग्ध लगीं। उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए तीन पुलिसकर्मियों की टीम भेष बदलकर संस्कार शिविर में छात्र बनकर शामिल हुई। दो हफ्ते तक दोनों की हरकतों पर बारीकी से नजर रखी। पता चला कि दोनों दिन में भक्तिभाव में लीन रहते थे और रात में चोरी की योजना बनाते थे। आखिरकार बुधवार को उन्हें मुंढवा इलाके से चोरी करते रंगेहाथ पकड़ लिया गया।उनके पास चोरी के करीब 150 ग्राम सोने के जेवर, 5 बाइक, कैमरा, मोबाइल, 26 हजार कैश समेत 20 लाख रुपए से ज्यादा का सामान बरामद किया गया। दोनों ने पिछले डेढ़ साल में पुणे और आसपास के इलाके में 40 से ज्यादा चोरियों को अंजाम दिया।माता-पिता बेटों को संस्कारी बनाना चाहते थे :पुणे के डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ ने बताया कि सागर और स्वप्निल को उनके माता-पिता ने संस्कार शिविर में इसलिए भर्ती कराया था ताकि वे संस्कारी बनें और बुरी आदतों को छोड़ें। दोनों एक ही मोहल्ले में रहते हैं। सागर के पिता का कुछ सालों पहले निधन हो गया था और मां हाउसकीपिंग का काम करती है। स्वप्निल के पिता बस कंडक्टर हैं। उनके घर पर धार्मिक वातावरण है। दोनों ने पुलिस को बताया कि वे चोरी का सामान सागर की मां को सौंप देते थे। चोरी से पहले ध्यान लगाते थे : संस्कार शिविर के छात्र सागर और स्वप्निल 3 घंटे सुबह और 3 घंटे शाम को भजन-कीर्तन में लीन रहते थे। रात को शिविर में आराम करने के बजाए वे गुपचुप चोरी के लिए निकल जाते थे। लेकिन चोरी के पहले वे ध्यान जरूर लगाते थे। रास्ते में वे बाइक चुराते और काम खत्म होने पर उसे रास्ते में खड़ा कर देते थे। Post Views: 158