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मुंबई: ‘कोरोना से मारे गए लोगों का धर्म कोई भी हो, उनके शवों को जलाया जाएगा’

मुंबई: कोरोना वायरस (कोविड-19) से मारे गए लोगों का धर्म कोई भी हो, उनका शवदाह किया जाएगा। वहीं, मुंबई महानगर क्षेत्र में कोरोना वायरस के 47 और पुष्ट मामलों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 170 हो गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अंतिम संस्कार में पांच लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकेंगे। बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
वहीं, पुणे में कोरोना वायरस से 52 वर्षीय एक व्यक्ति की सोमवार को मौत के साथ ही महाराष्ट्र में संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़कर 9 हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से भी पीड़ित था।
अधिकारी ने बताया, 22 मार्च को व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। पुणे में एक अस्पताल में सोमवार को उनकी मौत हो गई।
पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि व्यक्ति को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सोमवार को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 262 राहत शिविर बनाए
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 262 राहत शिविर बनाए हैं, जहां उन्हें भोजन और आश्रय मिलेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि पिछले हफ्ते 21 दिन के बंद की घोषणा होने के बाद से बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था। ये सभी बेरोजगार हो जाने और भोजन अथवा आश्रय नहीं होने के कारण अपने गृहस्थानों पर जाने के लिए निकल पड़े थे। मुख्यमंत्री ठाकरे ने पहले भी प्रवासी मजूदरों से राज्य नहीं छोड़ने की अपील करते हुए उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के जरिए कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार रोकने के मद्देनजर रविवार (29 मार्च) को देशभर के सभी राज्यों और जिलों की सीमाओं को सील करने का आदेश दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने वाले को 14 दिनों के लिए पृथक किया जाएगा।

महाराष्‍ट्र से लौटे कोरोना वायरस के दो संदिग्ध, प्रशासन को सूचना देने पर युवक को पीट-पीटकर मार डाला
दूसरी ओर बिहार के सीतामढ़ी जिले में महाराष्ट्र से लौटे कोरोना वायरस के संदिग्ध दो लोगों की जानकारी देने पर एक युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। दरअसल, बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित मधौल गांव में आज एक परिवार के 2 लोग महाराष्ट्र से लौटे थे। इन दोनों लोगों की जानकारी गांव में ही रहने वाले बबलू कुमार ने कोरोना हेल्प सेंटर को दी थी। इससे कोरोना वायरस के दोनों संदिग्ध लोग नाराज हो गए और स्वास्थ्य विभाग को अपना सैंपल देने के बाद अपने परिवार के अन्य 5 लोगों के साथ मिलकर युवक बबलू को पीट-पीट कर मार डाला।
सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची ने हत्या के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले आई। पुलिस ने सातों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गांव के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि बिहार सरकार ने लोगों को कहा है कि वह अपने गांव और कस्बों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की जानकारी हेल्पसेंटर और प्रशासन को जरूर दें, जिससे कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग की जा सकें। मगर सूचना देने वालों की सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से कोई सख्त पहल नहीं की गई है।