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हाँ मैंने अपनी मोहब्बत का मर्डर कर दिया…

साथी डॉक्टर ने ली लेडी डॉक्टर की जान, सुसाइड करने से पहले हुआ गिरफ्तार

नयी दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली के रंजीत नगर में लेडी डॉक्टर गरिमा मिश्रा की हत्या का आरोपी डॉक्टर शुक्रवार सुबह रुड़की से पकड़ा गया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर चंद्रप्रकाश वर्मा (27) को जब पकड़ा गया, वह गंगनगर में कूदकर आत्महत्या करने जा रहा था। अपनी अनदेखी से आहत होकर उसने गरिमा की जान ली थी। डॉ. वर्मा ने पुलिस को बताया कि वह गरिमा के साथ फ्लैट में रहता था और एकतरफा प्यार करने लगा था, लेकिन गरिमा दूरी बनाने लगी थी। कोचिंग के बाद गरिमा ने अचानक गोरखपुर घर जाने का प्लान बना लिया। इससे वह भड़क गया और हत्या कर दी। लेकिन मर्डर के बाद वह डिप्रेशन में आ गया था। डीसीपी (क्राइम) डॉ. जी रामगोपाल नायक ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि चंद्रप्रकाश उत्तराखंड में देखा गया है। पुलिस टीम शुक्रवार सुबह रुड़की पहुंची तो वह गंगनहर के पुल पर खड़ा होकर लोगों से उसकी गहराई पूछ रहा था, तभी नहर में कूदने से पहले पुलिस ने उसे दबोच लिया।
हाँ मैंने अपनी मोहब्बत का मर्डर कर दिया
डॉक्टर चंद्र प्रकाश एकतरफा प्यार में पागल था। डॉ. गरिमा मिश्रा का पूरा फोकस करियर पर था। इसलिए वह अपने साथी डॉक्टर को लगातार अनदेखा कर रही थीं। इससे चंद्र प्रकाश के मन में लड़की को खोने का डर सताने लगा। तब उसने मर्डर को अंजाम देने का फैसला कर लिया। वारदात के बाद चंद्र प्रकाश को गलती का एहसास हुआ। उसने मां और बहन को कॉल कर कहा कि बहुत बड़ी गलती हो गई है। मैंने अपनी मोहब्बत का मर्डर कर दिया है। मैं खुद भी सुसाइड करने जा रहा हूं।
पुलिस अफसरों ने बताया कि रंजीत नगर में मंगलवार रात 8 बजे उसने वारदात को अंजाम दिया। फिर अपने कमरे में लौटा और कपड़े बदले। बैग में कपड़े रख कर करीब 9 बजे निकल गया। पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के पास एटीएम से 9 हजार रुपये निकाले। आनंद विहार के लिए ऑटो पकड़ा। इस दौरान उसे गलती का एहसास होने लगा। वह बुरी तरह टूट चुका था। करीब 9:15 बजे पटेल नगर से ऑटो में बैठने के बाद से मयूर विहार तक अपनी मां और बहन से मोबाइल पर बात की। चंद्र प्रकाश ने बताया कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है। वह जिससे प्यार करता था, उसका मर्डर कर दिया है। परिवारवालों ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसने फोन बंद कर दिया। फिर आनंद विहार से ऋषिकेश की बस ली। होटल में पंखे से लटक कर स्यूसाइड का फैसला किया। उसे डर था कि कहीं मौत नहीं हुई और गलती से लकवा मार गया तो जिंदगी खराब हो जाएगी। उसने ट्रांसफार्मर पर चिपकने का प्लान बनाया, लेकिन झटका लगकर बुरी तरह झुलसकर बचने का डर था। आखिर में गंगा में छलांग लगाने का फैसला किया। तभी उसे क्राइम ब्रांच ने गुरुवार शाम को रुड़की से गिरफ्तार कर लिया।
क्राइम ब्रांच को मोबाइल लोकेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की में होने की जानकारी मिली। डॉक्टर चंद्र प्रकाश मर्डर के बाद के घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए बीच-बीच में अपना फोन स्विच ऑन कर रहा था। वह वॉट्सऐप मेसेज चेक करता था। इससे उसकी लोकेशन मिलती रहती थी।

गरिमा को खोने का डर था
मूलरूप से हरिहरपुर रानी तहसील बहराइच के रहने वाले चंद्र प्रकाश ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। पिता किशन कुमार वर्मा रिटायर टीचर हैं। दो बहनें भी टीचर हैं। पढ़ाई के बाद आरोपी जॉब करने दिल्ली आ गया। यहां वह करोल बाग के एनसी जोशी अस्पताल में नौकरी करने लगा। यहीं गोरखपुर की रहने वाली डॉ. गरिमा मिश्रा भी जॉब के लिए आ गई। दोनों की मुलाकात हुई। दोनों जूनियर रेजिडेंट थे। चंद्र प्रकाश को लगता था कि वह गरिमा को शादी के लिए राजी कर लेगा। लेकिन गरिमा उससे चिढ़ने लगी। अपने परिजनों से एक बार चंद्र प्रकाश की शिकायत भी की थी। चंद्र प्रकाश को लगा कि शायद अब गरिमा दोबारा उसके साथ नहीं आएगी, इसलिए उसने गरिमा की हत्या कर दी।