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नवनीत राणा बोलीं-‘हनुमान चालीसा’ पढ़ना गुनाह; तो मैं 14 दिन क्या 14 साल भी जेल में रहने को तैयार हूं…

उद्धव ठाकरे को चुनौती, बोलीं- मैं उनके खिलाफ लडूंगी चुनाव

मुंबई: अमरावती की सांसद नवनीत राणा लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को चुनौती दी हैं. उन्होंने कहा कि मैं सीएम उद्धव ठाकरे को चुनौती देती हूं कि वे महाराष्ट्र में कहीं से भी चुनाव लड़ें और मैं उनके खिलाफ चुनाव लडूंगी. अस्पताल से बाहर निकलते वक्त उनके हाथ में ‘हनुमान चालीसा’ थी. अस्पताल से बाहर निकलने पर उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने के लिए मैं 14 दिन तो क्या 14 साल भी जेल में रहने को तैयार हूं. अस्पताल से निकलने के दौरान नवनीत राणा के हाथ में भगवान हनुमान की मूर्ति और हनुमान चालीसा भी थी. नवनीत राणा ने कहा कि आगामी नगर निगम चुनाव में मैं पूरी ताकत के साथ जनता के बीच जाऊंगी. उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता उद्धव ठाकरे को बताएगी कि हनुमान और राम का नाम लेने वालों को परेशान करने का क्या परिणाम होता है. मुख्यमंत्री एक महिला से डर गए हैं. उन्हें महाराष्ट्र पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसलिए उन्होंने शिवसेना के गुंडों के जरिए मेरे घर और परिवार पर हमले करवाए.

इससे पहले रविवार को राणा ने कहा था कि हम लड़ने के लिए कृतसंकल्प हैं. सीएम हम पर दबाव बनाकर कार्रवाई कर रहे हैं. मुख्यमंत्री किसी से नहीं मिलते, राज्य का दौरा नहीं करते, जिले, मंत्रालय नहीं आते. यह कभी पता नहीं चलता कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री है या नहीं भी. उद्धव सरकार हमें टारगेट कर रही है. हम एक से दो दिन में समस्या की रिपोर्ट दिल्ली को देंगे.

बता दें कि रविवार को सांसद नवनीत राणा को लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद राणा ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. नवनीत राणा को स्पोंडिलाइटिस के इलाज के लिए गुरुवार सुबह भायखला जेल से मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद 5 मई को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था. राणा दंपति ने कहा था कि वो सीएम उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के सामने ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करेंगे. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. 5 मई को सांसद नवनीत राणा को 14वें दिन जेल से रिहाई मिली थी. जेल से रिहा होने के बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लीलावती अस्पताल लाया गया. यहां चेकअप के बाद उन्हें एडमिट कर लिया गया था. राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने शिकायत की थी कि उनकी मुवक्किल को जेल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. मर्चेंट ने भायखला जेल के सुपपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर कहा था कि राणा स्पोंडिलोसिस से जूझ रही हैं, उन्हें सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.