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नवाब मलिक की जमानत याचिका पर पर कोर्ट का फैसला 30 नवंबर तक टला

मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की जमानत याचिका पर फैसला 30 नवंबर को सुनाए जाने की संभावना है। एक विशेष अदालत ने गुरुवार को कहा कि आदेश अभी तैयार नहीं है।
विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने 14 नवंबर को मलिक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित किया था, लेकिन दोनों पक्षों की लंबी दलीलों को सुनने के बाद उसे गुरुवार के लिए टाल दिया था। लेकिन जैसे ही मामला गुरुवार को आया, अदालत ने कह दिया कि आदेश तैयार नहीं है।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस साल फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था। जो कि अभी न्यायिक हिरासत में है। मालिक का फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मालिक ने जुलाई में की थी नियमित जमानत याचिका दायर
नवाब मालिक ने विशेष अदालत में जुलाई महीने में नियमित जमानत याचिका दायर की थी। मालिक ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिससे उनके ऊपर कोई मुकदमा चलाया जाए। हालांकि, जांच एजेंसी ने दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ जमानत का विरोध किया। ईडी ने दावा किया है कि आरोपित मालिक दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ काम कर रहा था और उसके निर्दोष होने का कोई सवाल ही नहीं है।

मुंबई बम विस्फोट मामले से है संबंध…
मालिक के खिलाफ यह मामला एनआईए द्वारा फाइल एक प्राथमिकी के आधार पर किया है, यह प्राथमिकी 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के प्रमुख आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दायर की गई थी।